फायनांस
बैंकों में पड़े ₹35000 करोड़ का कोई दावेदार नहीं, अब वारिस ढूंढकर पैसे लौटाएगी सरकार
९ मई २०२३
FSDC Meeting: वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण की अध्यक्षतावाली उच्चाधिकार-प्राप्त वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (Financial Stability and Development Council) ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में पड़ी बिना दावे वाली राशि संबंधित लोगों को दिलाने में मदद के लिये अभियान चलाने की जरूरत बताई.
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने एफएसडीसी बैठक (FSDC Meeting) में हुई चर्चा के बारे में यह भी कहा कि अमेरिका में बैंकों के विफल होने का भारतीय वित्तीय प्रणाली पर कोई असर नहीं है. एफएसडीसी की 27वीं बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत सभी वित्तीय क्षेत्रों के नियामक शामिल हुए. सचिव ने कहा कि बैठक में यह राय रही कि केंद्रीय बजट में जिन प्रस्तावों की घोषणा की गयी है, उसे अमल में लाने के लिये जरूरी विधायी बदलाव लाने को लेकर सरकार को तेजी से कदम उठाने चाहिए.
लावारिस बैंक खातों के वारिसों का पता लगाएगी सरकार
बिना दावे वाली जमा राशि (Unclaimed Deposits) के बारे में सेठ ने कहा कि एफएसडीसी का मत है कि इसको लेकर एक अभियान चलाया जाए ताकि वित्तीय संस्थानों के पास जो बिना दावे वाली राशि है, वह संबंधित लोगों को मिल सके. उन्होंने कहा कि इस तरह की जो भी जमा राशि या शेयर अथवा डिविडेंड हैं और उसके बारे में नामित व्यक्ति को जानकारी नहीं है, वैसे मामले में अभियान चलाये जाने को लेकर बैठक में राय जाहिर की गयी.
35,000 करोड़ रुपये का कोई दावेदार नहीं
बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने फरवरी 2023 तक बिना दावे वाली करीब 35,000 करोड़ रुपये की राशि रिजर्व बैंक को ट्रांसफर की थी. यह राशि वैसे खातों में जमा थी जिनमें 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ. बिना दावे वाली राशि 10.24 करोड़ खाते से जुड़ी थी. रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने कहा था कि 3-4 महीने में इससे संबंधित एक सेंट्रलाइज्ड पोर्टल तैयार किया जाएगा. इससे जमाकर्ता और लाभार्थी अलग-अलग बैंकों में पड़ी बिना दावे वाली जमा राशि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
सौजन्य-झीबिझ