गांवों तक तेज इंटरनेट पहुंचाने वाले भारतनेट प्रोजेक्ट को मिली आवश्यक धन राशि

News & Updates

गांवों तक तेज इंटरनेट पहुंचाने वाले भारतनेट प्रोजेक्ट को मिली आवश्यक धन राशि

M Y Team दिनांक २ जुलाई २०२१

टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन्फॉर्मेशन हाईवे हर गांव तक पहुंचाने के लिए सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसके लिए 19 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले से PM मोदी ने भारतनेट (BharatNet) के जरिए 1000 दिन में 6 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर ब्रॉडबैंड लगाने की बात कही थी। यह प्रोजेक्ट दुनिया का सबसे बड़ा ब्रॉडबैंड प्रोग्राम माना जा सकता है, जो गांवों को इंटरनेट से कनेक्ट करेगा।

भारतनेट के लिए सरकार 19 हजार करोड़ रुपए देगी                 ​​​​​​
कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने भारतनेट को PPP मॉडल के तहत मंजूरी दी। इसके तहत देश के 16 राज्यों में कुल 3.60 लाख पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने के लिए 29 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है। इस पर खर्च होने वाली कुल रकम में भारत सरकार का हिस्सा 19,041 करोड़ रुपए है। सरकार ने इस योजना के लिए 42 हजार करोड़ रुपए पहले ही जारी कर दिए हैं। अब तक इस पर करीब 62 हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।

 

भारतनेट प्रोजेक्ट क्या है?

भारतनेट प्रोजेक्ट को दुनियाभर में सबसे बड़ा ब्रॉडबैंड प्रोग्राम माना जा सकता है जो ग्रामीणों को कनेक्ट करेगा. ये मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत शुरू हुआ प्रोग्राम है और इसमें किसी विदेशी कंपनी की हिस्सेदारी नहीं होगा. भारतनेट प्रोजेक्ट के जरिए सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि इसके तहत गांव-गांव तक इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

75 प्रतिशत सस्ती कीमत पर मिलेगा इंटरनेट 

दरअसल भारतनेट प्रोजेक्ट का दूसरा और अंतिम चरण 2017 में शुरू किया गया था. इस प्रोजेक्ट के तहत, सरकार का लक्ष्य 1.5 लाख पंचायतों को 10 लाख किलोमीटर अतिरिक्त ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से जोड़ना है और टेलीकॉम कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड और वाईफाई सर्विस के लिए लगभग 75 प्रतिशत सस्ती कीमत पर बैंडविड्थ देना है.

भारतनेट प्रोजेक्ट से ग्रामीणों को होगा फायदा 

प्रोजेक्ट के तहत, 16 राज्यों (नौ पैकेजों में बंडल) में पीपीपी मॉडल में भारतनेट का कार्यान्वयन फंडिंग के आधार पर किया जाना है. 2017 में पहले से स्वीकृत 42,068 करोड़ रुपये की राशि सहित कुल परिव्यय (आउटले) अब 61,109 करोड़ रुपये होगा. भारतनेट के विस्तार से ऐड अपग्रेडिंग में ग्राम पंचायतें और बसे हुए गांव शामिल होंगे.

आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हेल्थ सर्विस, एजुकेशन और ई-गवर्नेंस सर्विसेज तक पहुंच के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. इन आवश्यक सर्विसेज से परे, उन्होंने यह भी जिक्र किया कि भारतनेट के जरिए एंटरटेनमेंट सर्विसेज तक पहुंच को सक्षम करेगा, क्योंकि अब ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.

इस प्रोजेक्ट को 9 पैकेजों में विभाजित किया गया है और किसी भी कंपनी को 4 से अधिक पैकेज रखने की अनुमति नहीं होगी. बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को घोषणा की थी कि 1,000 दिन में सभी गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ दिया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते सोमवार को विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन उपायों की घोषणा करते हुए कहा कि ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए 19,041 करोड़ रुपये और उपलब्ध कराए गए हैं जिससे 2020 से 1,000 दिन में सभी गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. सीतारमण ने कहा कि इससे भारतनेट प्रोजेक्ट पर कुल खर्च बढ़कर 61,109 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि 31 मई तक 1,56,223 ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड नेटवर्क से जोड़ने के काम पर 42,068 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. इसके अतिरिक्त 19,041 करोड़ रुपये से शेष प्रोजेक्ट को पूरा कर सकेंगे. भारतनेट प्रोजेक्ट के तहत सरकार ने शुरू में सभी 2.52 लाख ग्राम पंचायतों को फास्ट स्पीड की ब्रॉडबैंड सेवा से जोड़ने का लक्ष्य रखा था. प्रधानमंत्री ने बाद में इस प्रोजेक्ट का विस्तार सभी गांवों तक करने की घोषणा की थी.

सौजन्य- दैनिक भास्कर

https://www.bhaskar.com/business/news/union-ministers-including-pm-narendra-modi-participated-in-the-meeting-preparing-to-improve-the-power-sector-and-provide-broadband-to-6-lakh-villages-128651339.html?ref=inbound_More_News

====  +  ====

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *