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PM मोदी ने लॉन्च किया e-RUPI डिजिटल पेमेंट व्हौचर
M Y Team दिनांक ११ अगस्त २०२१
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार 2 अगस्त को e-RUPI को लॉन्च किया। यह पर्सन और पर्पज स्पेसिफिक डिजिटल पेमेंट सॉल्युशन (Digital Payment Solution) है। पीएम मोदी ने इसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च किया। इसके जरिए सबसे पहले मुंबई की एक निवासी ने कोविड19 वैक्सिनेशन सेंटर पर पेमेंट किया। ई-रुपी के जरिए भुगतान कुछ ही मिनटों में कैशलेस तरीके से और सुगमतापूर्वक हुआ। यह RBI द्वारा स्वीकृत इलेक्ट्रॉनिक वाउचर है। इसे किसी विशिष्ट सेवा के भुगतान के लिए लाभार्थी को जारी किया जाता है।
ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस साधन है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है। इस निर्बाध वन टाइम पेमेंट मैकेनिज्म के यूजर्स, सेवा प्रदाता सेंटर पर कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस किए बिना वाउचर को भुनाने में सक्षम होंगे। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने UPI प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है।
कैसे करता है काम
ई-रुपी, सेवाओं के स्पॉन्सर्स को बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं से जोड़ता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान हो। ई-रुपी की प्रकृति प्री-पेड (Prepaid) है, लिहाजा यह किसी भी मध्यस्थ (Intermediary) की भागीदारी के बिना सेवा प्रदाता को समय पर भुगतान का आश्वासन देता है।
लाभार्थी के मोबाइल पर आए ईरुपी के कोड के माध्यम से सेवा प्रदाता के अकाउंट में डायरेक्ट फंड ट्रान्सफर हो जाता है। सरकारी संस्थाएं, कॉरपोरेट या कोई भी सेवा प्रायोजक अपने पार्टनर बैंक की मदद से ईरुपी वाउचर जनरेट कर सकते हैं। इसके बाद सेवा प्रदाता केन्द्र पर लाभार्थी ईरुपी के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं। सेवा प्रदाता केन्द्र पर क्यूआर कोड या एसएमएस रूप में प्राप्त ईरुपी वाउचर को स्कैन किया जाएगा। लाभार्थी के वेरिफिकेशन के लिए एक कोड लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। वेरिफिकेशन होने पर वाउचर रिडीम हो जाएगा और तुरंत भुगतान हो जाएगा।
कहां हो सकता है इस्तेमाल
कल्याणकारी सेवाओं की लीक-प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी पहल होने की उम्मीद है। इसका उपयोग मातृ एवं बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवा व न्यूट्रीशनल सपोर्ट उपलब्ध कराने वाली स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत ड्रग्स व डायग्नॉस्टिक्स, उर्वरक सब्सिडी आदि जैसी योजनाओं के तहत सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है। यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में इन डिजिटल वाउचर का लाभ उठा सकते हैं। कॉरपोरेट्स इसका इस्तेमाल प्राइवेट सेंटर पर किसी गरीब को वैक्सीन लगवाने में मदद करने के लिए भी कर सकते हैं।
गरीबों के वैक्सिनेशन में कैसे करेगा मदद
ई-रुपी की लॉन्चिंग के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ई-रुपी गरीबों के वैक्सिनेशन में भी मदद करेगा। ई-रुपी को आर्थिक रूप से सक्षम लोग किसी गरीब के लिए जारी कर सकेंगे और उसके वैक्सिनेशन का खर्च उठा सकेंगे। इस नॉन-ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर का इस्तेमाल वही लाभार्थी कर सकेगा, जिसके लिए इसे जारी किया गया है। e-RUPI लाभार्थी के मोबाइल पर भेजा जाएगा। यह क्यूआर कोड या एसएमएस कोड के रूप में होगा। प्राइवेट वैक्सिनेशन सेंटर्स पर इन्हें स्कैन किया जा सकेगा। लाभार्थी के वेरिफिकेशन के लिए एक कोड लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। वेरिफिकेशन होने पर वाउचर रिडीम हो जाएगा और तुरंत भुगतान हो जाएगा। कॉरपोरेट्स इसका इस्तेमाल प्राइवेट सेंटर पर किसी गरीब को वैक्सीन लगवाने में मदद करने के लिए कर सकते हैं। सरकारी संस्थाएं, कॉरपोरेट या कोई भी सेवा प्रायोजक अपने पार्टनर बैंक की मदद से ईरुपी वाउचर जनरेट कर सकते हैं।
ध्यान रखें ये बातें
- यह एक नॉन ट्रान्सफरेबल वाउचर है। यानी जिसके लिए यह जारी किया गया है, केवल वही इसका इस्तेमाल कर सकेगा।
- ईरुपी वाउचर जारी होने के बाद इसका इस्तेमाल एक ही बार किया जा सकता है।
- यह कैशलेस और कॉन्टैक्टलैस है।
- लाभार्थी की निजी जानकारी गोपनीय और सुरक्षित रहती है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन को बनाएगा और प्रभावी
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है। eRUPI वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, DBT को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। इससे टार्गेटेड, ट्रान्सपेरेंट और लीकेज फ्री डिलीवरी में सभी को बड़ी मदद मिलेगी। सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो वह कैश के बजाय eRUPI दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है जिसके लिए वह राशि दी गई है।
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पीएम मोदी ने कहा कि शुरुआती चरण में यह योजना हेल्थ सेक्टर से जुड़े बेनिफिट में लागू की जा रही है। कोई संस्था अगर 100 गरीबों का निजी अस्पताल में वैक्सिनेशन कराना चाहती है तो वह उन 100 गरीबों को ईरुपी वाउचर दे सकती है। इस वाउचर से सुनिश्चित होगा कि ईरुपी के जरिए जारी किए गए अमाउंट का इस्तेमाल वैक्सीन लगवाने में ही हो, किसी अन्य काम में नहीं।
समय के साथ इसमें और भी चीजें जुड़ती जाएंगी। जैसे कोई किसी के इलाज में खर्च करना चाहता हो, टीबी के किसी मरीज का इलाज कराना चाहता हो, किसी को खाने और दवाओं के लिए आर्थिक मदद देना चाहता है तो ईरुपी उनके लिए बहुत मददगार साबित होगा।
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