Economy
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश- FDI की सहायता से भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की बन सकती है- डेलॉयट के सर्वे का निष्कर्ष
M Y Team दिनांक २० सप्टेम्बर २०२१
भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की प्रमुख भूमिका होगी। डेलॉयट के CEO पुनीत रंजन ने कहा कि FDI भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर के 1200 से ज्यादा बिजनेस लीडर्स पर सर्वे किये गए। इसमें से 5 में से 2 ने कहा कि वे भारत में अतिरिक्त या पहली बार निवेश की योजना बना रहे हैं।
FDI को सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाले देशों में भारत
पुनीत रंजन ने कहा कि सर्वे से यह पता चलता है कि FDI को सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाले देशों में भारत है। कोविड-19 के बावजूद भी पिछले साल भारत में विदेशों से काफी पैसे आए हैं। जिन बिजनेस लीडर के साथ डेलॉयट ने सर्वे किया, वे भारत में अतिरिक्त निवेश या पहली बार निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं। एक टॉप मल्टीनेशनल कंपनी के CEO ने कहा कि FDI भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगा। हमारा सोचना है कि यह हो भी सकता है। मैं निश्चित तौर पर भारत का बहुत बड़ा समर्थक हूं और देखते हैं इसे कैसे भारत हासिल कर सकता है।
कुशल कर्मचारी और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ प्रमुख फैक्टर
इस CEO ने कहा कि FDI के लिए जो प्रमुख बातें हैं उसमें एक तो यह कि कुशल कर्मचारी (स्किल्ड वर्कफोर्स) और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ का नजरिया किस तरह का होगा। खासकर भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था को लेकर। डेलॉयट ने अमेरिका, UK, जापान और सिंगापुर में 1200 बिजनेस लीडर्स के बीच सर्वे किया। इसमें से 44% लोगों ने कहा कि वे भारत में अतिरिक्त निवेश या फिर पहली बार निवेश करेंगे। पहली बार निवेश करने वाले लोगों की संख्या कुल निवेश करने वालों की तुलना में दो तिहाई है। ये लोग अगले दो सालों में भारत में निवेश की योजना बना रहे हैं।
लंबी अवधि की संभावनाओं में विश्वास
सर्वे के अनुसार, बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय उद्योगपति भारत की लंबी अवधि की संभावनाओं में विश्वास रखते हैं। सर्वे में कहा गया कि भारत 7 प्रमुख सेक्टर्स जैसे कपड़ा, फूड प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, औषधि, ऑटो और केमिकल जैसे सेक्टर्स में ज्यादा FDI को आकर्षित कर सकता है। 2020-21 में इन सेक्टर्स ने निर्यात में 181 अरब डॉलर का योगदान दिया था।
भारत के बारे में मजबूत पॉजिटिव धारणा
सर्वे में पता चला है कि अमेरिका में चीन, ब्राजील, मैक्सिको और वियतनाम जैसे बाजारों की तुलना में भारत को लेकर सबसे मजबूत पॉजिटिव धारणा है। अमेरिका और ब्रिटेन के उद्योगपतियों ने भारत की स्थिरता में अधिक विश्वास व्यक्त किया है। हालांकि अभी भी विदेशी निवेशक चाहते हैं कि भारत में बिजनेस करने में और आसानी हो। हाल में जो भी सुधार सरकार ने किया है, वह इन निवेशकों के लिए काफी नहीं है।
सरकार की नीतियां स्वागत योग्य हैं
डेलॉयट के CEO ने कहा कि सरकार की नीतियां स्वागत योग्य हैं और भारत में FDI को आकर्षित करने में मदद कर रही हैं। हाल में कुछ नीतियों को काफी स्पष्ट किया गया है जो बहुत अच्छी बात है। साथ ही इंफ्रा सेक्टर में निवेश बहुत पॉजिटिव कदम है। उन्होंने कहा कि सरकार जो भी अच्छा काम कर रही है, उसके बारे में विदेशों में जागरुकता काफी कम है। जापान के 16% और सिंगापुर के 9% बिजनेस लीडर ग्राहकों को डिजिटाइजेशन, क्लियरेंस और प्रोडक्शन के बारे में काफी कम पता है।
डेलॉयट ऐसी पहली प्रोशेफनल सर्विसेस फर्म है, जिसने 50 अरब डॉलर का कारोबार पार किया है। अगले तीन सालों में डेलॉयट भारत में 75 हजार लोगों की भर्ती करेगी। कंपनी के पास भारत में अभी 65 हजार लोग हैं। पूरी दुनिया में उसके पास 3.45 लाख कर्मचारी हैं।
सौजन्य- दैनिक भास्कर
https://www.bhaskar.com/business/news/india-foreign-direct-investment-updates-on-deloitte-survey-128944758.html