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सिरेमिक और ग्लासवेयर प्रोडकट कि निर्यात रिकॉर्ड 3.5 अरब डॉलर पर पहुंची
M Y Team-दिनांक २४ अप्रेल २०२२
वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में सिरेमिक और कांच से बने उत्पादों का निर्यात 3.5 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सिरेमिक टाइल्स और सेनिटेरीवेयर उत्पादों की मांग बढ़ने से इन उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी देखी गई है। भारत टाइल्स का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता है। ‘ग्लासवेयर’ में कांच का दर्पण, कांच की पैकिंग वाले सामान जैसी वस्तुएं आती हैं।
भारत 125 से अधिक देशों को इन वस्तुओं का निर्यात करता है जिनमें सऊदी अरब, अमेरिका, मैक्सिको, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, इराक, ओमान, इंडोनेशिया, ब्रिटेन और पोलैंड शामिल हैं। अब इनमें रूस और लैटिन अमेरिकी जैसे देश भी नए बाजारों में जुड़ गए हैं I मंत्रालय ने कहा, ‘‘बीते वर्षों में नवोन्मेष के जरिये और उत्पादों, गुणवत्ता तथा डिजाइन के मामले में भारत में सिरेमिक उद्योग का आधुनिकीकरण हुआ है।’’
फाइनेंशियल ईयर 2013-2014 के मुकाबले इंडियन सिरेमिक्स और ग्लासवेयर प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में उछाल आया है. 2021-22 में इन प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट ने 3464 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड बनाया है. वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान देश के सिरेमिक और ग्लासवेयर प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट्स का मूल्य 1292 मिलियन अमेरिकी डॉलर था.
सिरेमिक टाइल्स और सेनेटरी वेयर प्रोडक्ट्स के शिपमेंट में बढ़ोतरी की वजह से सिरेमिक टाइलों के एक्सपोर्ट में वृद्धि हुई है. दरअसल भारतीय टाइल इंडस्ट्री वैश्विक खिलाड़ी बन गया है. इस बीच ‘मेक इन इंडिया’ के माध्यम से ये देश के लिए विदेशी मुद्रा लेकर आता है. ऐसे में आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टाइल निर्माता बन गया है.
ग्लासवेयर प्रोडक्स्ट के एक्सपोर्ट की ग्रोथ में उछाल आने की वजह हैसामानों की ग्लास पैकिंग, ग्लास फाइबर के मेड-अप लेख, चीनी मिट्टी के बरतन के सैनिटरी फिक्स्चर, ग्लास मिरर, टिंटेड नॉन-वायर्ड ग्लास, ग्लास बीड और ग्लास वूल के शिपमेंट में वृद्धि हुई है.
सिरेमिक और ग्लासवेयर प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में उछाल डिपॉर्टमेंस ऑफ कॉमर्स के निरंतर प्रयासों की वजह से हासिल किया गया है. साथ ही, मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव स्कीम के तहत ग्रांट इन एड (Grant in Aid) का इस्तेमाल करके कैपेक्सिल (CAPEXIL) द्वारा विभिन्न पहल की गई हैं, जैसे कि विभिन्न देशों में B2B Exhibitions का आयोजन, इंडियन एंबेसीस की सक्रिय भागीदारी के साथ न्यू पोटेंशियल मार्केट और मार्केटिंग कैंपेंस के माध्यम से नए संभावित बाजारों की खोज करना है.
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