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स्टार्टअप्स के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर भारत, अब बजट 2023 से पहले आ रही यह मांग
M Y Team दिनांक ३ जनवरी २०२३
वाधवानी फाउंडेशन ने कहा कि सरकार को देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) पर टैक्स छूट देने पर विचार करना चाहिए। अपनी बजट इच्छा सूची में वाधवानी फाउंडेशन ने यह बात कही है। वाधवानी फाउंडेशन विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्टार्ट-अप का संचालन करता है। फाउंडेशन के सीओओ (भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया) संजय शाह ने कहा, चूंकि भारतीय स्टार्ट-अप तेजी से वैश्विक हो रहे हैं, इसलिए सरकार को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में कर छूट (Tax Exemption) पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही स्टार्टअप इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न्स की संख्या को देखते हुए केवल अमेरिका और चीन भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम से आगे हैं।
भारत में 400 से अधिक इनक्यूबेटर हैं, जो महत्वपूर्ण संसाधन और सेवाएं प्रदान करने में सहायक रहे हैं। जैसे कि सलाहकारों और निवेशकों तक पहुंच, एक मजबूत व्यवसाय योजना बनाना, साझा प्रशासनिक सेवाएं, नेटवर्किंग और स्टार्टअप्स के लिए उत्पाद लाइनों पर विशेषज्ञ सलाह आदि। साल 2025 तक 250 यूनिकॉर्न के साथ अभी 100 से थोड़ा अधिक और 2023 तक कुल 180 अरब डॉलर की फंडिंग के साथ भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम एक बेहतर स्थिति में है। शाह ने कहा प्रदर्शित क्षमताओं वाले ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स को अनुसंधान और विकास, प्रोटोटाइप तथा उत्पाद परीक्षणों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
तेजी से बढ़ रही यूनिकॉर्न की संख्या
स्टार्टअप इकोसिस्टम की हालिया जीवंतता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत को 100 यूनिकॉर्न प्राप्त करने में लगभग सात से 10 साल लगे। वहीं, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 100 अन्य तीन से चार वर्षों में आएंगे। शाह ने आगे कहा, ‘हम अगले 100 तक पहुंचेंगे, क्योंकि अब ये टियर-2 और टियर-3 शहरों में फैल रहे हैं। हम छोटे शहरों से अधिक स्टार्टअप देखेंगे। यह पूरे स्टार्टअप इकोसिस्टम को बेहतर हैंडहोल्डिंग और राजकोषीय और नीतिगत प्रोत्साहन प्रदान करने की मांग करता है।
49 फीसदी स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों से
भारत के 60,000 स्टार्ट-अप में से लगभग 49 फीसदी टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम 2016 और 2022 के बीच तेजी से बढ़ा। लगभग 63 अरब डॉलर के निवेश के साथ 2021 भारत में निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी निवेश के मामले में एक सफल वर्ष था। उपभोक्ता, वित्तीय सेवाओं, रसद, कृषि आदि की ओर प्रौद्योगिकी डोमेन से परे कई स्टार्ट-अप के साथ स्पेस अधिक से अधिक व्यापक हो गया। शाह ने कहा कि भारत अपनी महत्वाकांक्षी विकास योजनाओं और 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की आकांक्षाओं का अनुसरण कर रहा है। इसके सामाजिक और आर्थिक परि²श्य में उद्यमियों की बढ़ती हिस्सेदारी भारत के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका निभाएगी।
सौजन्य- नवभारत टाइम्स