Economy
देश की अर्थव्यवस्था में निश्चित रूपसे हो रहा है सुधार
M Y Team दिनांक २८ सप्टेम्बर २०२०
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ में ७.५% की गिरावट आई है। हालांकि यह गिरावट अब तक के सभी विश्लेषकों के अनुमानों से काफी कम है। सभी विश्लेषकों ने ८ % से १२ % तक की गिरावट का अनुमान जताया था। सबसे कम अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की टीम का था। उन्होंने ८.६% की गिरावट का अनुमान जताया था। यह आंकड़ा एनएसओ ने जारी किया।
दूसरी तिमाहीमें स्थिर किमतपर जीडीपी का अनुमान ३३.१४ लाख करोड़
सितंबर की तिमाही में २०११-१२ की स्थिर मूल्य ( Constant Price ) पर देखे तो GDP का अनुमान ३३.१४ लाख करोड़ रुपए किया गया है। एक साल पहले इसी अवधि में यह ३५.८४ लाख करोड़ रुपए था। यानी ७.५ % की गिरावट दर्ज की गई है। २०१९-२० की दूसरी तिमाही में सकल घरेलु उत्पादन में ४.४% की ग्रोथ थी। २०११-१२ के आधार पर अगर बेसिक प्राइस को देखें तो सकल मूल्य वर्धन ( Gross Value Addition-GVA ) की ग्रोथ में ७% की गिरावट आई है। इस साल सितंबर तिमाही में जीवीए ३०.४९ लाख करोड़ अनुमानित किया गया है, जबकि एक साल पहले यह ३२.७८ लाख करोड रुपए था।
दूसरी तिमाहीमें वर्त्तमान मूल्यपर जीडीपी का अनुमान ४७.२२ लाख करोड़
सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) से जारी आंकड़ों के मुताबिक 2020-21 की दूसरी तिमाही के वर्तमान मूल्य ( Current Price ) पर सकल घरेलू उत्पाद ( GDP) ४७.२२ लाख करोड़ रुपए आंका गया है। एक साल पहले यह दूसरी तीमाहि में ४९.२१ लाख करोड़ रुपए था। इसमें ४% की गिरावट आई है। जबकि एक साल पहले इसमें ५.९ % की ग्रोथ थी। GVA इसी समय में ४४.४६ लाख करोड़ की तुलना में ४२.८० लाख करोड़ रुपए था। यानी ४.२% की गिरावट रही है।
चालु सालके ६ महीनेका स्थिर किमतपर जीडीपी का अनुमान ६०.०४ लाख करोड़
इस साल २०२०-२१ के पहले ६ महीने (अप्रैल-सितंबर) के लिए स्थिर प्राइस (२०११-१२ ) पर जीडीपी का अनुमान ६०.०४ लाख करोड़ रुपए आंका गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा ७१.२० लाख करोड़ रुपए था। इसमें १५.७ % की गिरावट पहली छमाही में दिखी है। जबकि एक साल पहले इसमें ४.८% की ग्रोथ थी। २०२०-२१ में पहली ६ महिनेमे वर्त्तमान मूल्य पर जीडीपी का अनुमानित मूल्य ८५.३० लाख करोड़ रुपए है जबकि एक साल पहले यह ९८.३९ लाख करोड़ रुपए था। इसमें १३.३% की गिरावट आई है। एक साल पहले इसमें ७% की ग्रोथ थी। इस ६ महिनोमे करीब २ महीनेका टोटल लोंकडाउन था इस बात का ख्याल भी यह आकडोको देखते समय ध्यान में रखने चाहिए I
रिजर्व बैंक की टीमने ८.६% की गिरावट का अनुमान किया था
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का अनुमान था कि दूसरी तीमाहिमे GDP में ८.६% की गिरावट रहेगी। मूडीज ने १०.६% केयर रेटिंग ने ९.९% क्रिसिल ने १२% इक्रा ने ९.५% और एसबीआई रिसर्च ने १०.७% की गिरावट का अनुमान जताया था। जिन सेक्टर्स में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी उनमें कृषि, बैंकिंग एवं फाइनेंस और सेवा सेक्टर हैं। जबकि मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन में गिरावट आ सकती है।
दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार होने के संकेत कुछ इस तरह है
– लिस्टेड कंपनियों के मुनाफेमे रिकॉर्ड बढ़ोतरी – गुरुवार को ही सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने कहा कि दूसरी तिमाही में लिस्टेड कंपनियों का मुनाफा १.५० लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह अब तक किसी एक तिमाही में सबसे ज्यादा फायदा है। इससे पहले २०१४ की चौथी तिमाही में १.१८ लाख करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
– जीएसटी GST कलेक्शन १.०५ लाख करोड़ – अक्टूबर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) १.०५ लाख करोड़ रुपए रहा है जो एक साल पहले की तुलना में ज्यादा रहा है। साथ ही देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की रिपोर्ट का अनुमान है कि नवंबर में GST १.०८ लाख करोड़ रुपए रहेगा। वैसे जुलाई सितंबर के दौरान विश्व की ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था में गिरावट ही रही है। हालांकि चीन और अमेरिका जैसे देशों की अर्थव्यवस्था में अच्छी बढ़त भी देखी गई है। चीन की अर्थव्यवस्था ४% तो अमेरिका की ३३ % बढ़ा है।
– चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर के सुब्रमण्यन का कहना है कि पहले की अपेक्षा हमारी इकोनॉमी (Economy) अब बेहतर हो रही हैI कोरोना की वजह से इकोनॉमी में सुस्ती आई थीI यही वजह रही कि पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ करीब २४ फीसदी निगेटिव में चला गया था I मगर दूसरी तीमाहिके जो आंकड़े आ रहे है वह यह दर्शाते है की हमारी अर्थव्यवस्थामें तेजीसे सुधार हो रहा है I
Courtesy- Dainik Bhaskar