पि एम् किसान योजना के पांच प्रतिशत लाभार्थियों का होगा फिजिकल वेरिफिकेशन
M Y Team
गरीबोंको मदत देते समय मोदी सरकार इस बात के पूरे प्रयास कर रही है कि उनकी हर योजना में पूरी पारदर्शिता बरती जाय. पि एम् किसान सम्मान निधि के तहत छोटे किसानोंको जो सालाना रु.६००० की मदद की जा रही है उस योजना में पूरी पारदर्शिता बरती जाए इसपर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. ख़ास करके उनका पूरा ध्यान इस बात पर है कि गलत लोगों के पास पैसा नहीं चला जाए और यदि ऐसा हुआ है तो वो पैसा वापस लिया जाए. इसके लिए इस योजनाके कुल लाभार्थियोंमेंसे अब ५ प्रतिशत लाभार्थियों (किसानों) का फिजिकल वेरिफिकेशन करनेके निर्देश जारी किये गए है.
कृषि मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि जिला कलेक्टरों के मार्गदर्शन में PM Kisan Yojana के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होगी. यदि अपात्र लोगों ने गलत तरीके से पैसा हासिल किया है तो उसे वापस लिया जाएगा. सरकार यह पैसा सिर्फ पात्र लोगों को ही देना चाहती है. वेरिफिकेशन की एक निश्चित की हुई प्रक्रिया है और राज्यों के स्कीम के नोडल अधिकारियों को यह निर्देश गए है की आवश्यकता पड़ने पर बाहरी एंजेसियों के जरिए भी इस काम को करे मगर यह काम विहित प्रक्रियासे होना चाहिए.
एक लाख से ज्यादा लोगों से लिया गया पैसा वापस:
ऐसेही वेरिफिकेशन के जरिये पिछले साल सरकार इस स्कीम में एक लाख से ज्यादा लोगों से पैसा वापस ले चुकी है. २०१९ में आठ राज्यों के ११९७४३ लाभार्थियों से इस योजना का पैसा वापस लिया गया क्योंकि लाभ लेने वालों के नाम और उनके दस्तावेज मेल नहीं खा रहे थे. अब हर साल ऐसी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया की जा रही है ताकि ऐसी गड़बड़ी से बचा जा सके.
कैसे होगा वेरिफिकेशन?
लाभार्थियों के डेटा के आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया गया है. यदि संबंधित एजेंसी को प्राप्त डिटेल्स में आधार से समानता नहीं मिलती है तो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लाभार्थियों की जानकारी में सुधार करना होगा.
PMKSNY के सीईओ विवेक अग्रवाल ने कहा कि इतनी बड़ी योजना में छोटी गड़बड़ी की संभावना बनी रहती है. पात्रता की मुख्य शर्त २ हेक्टर के निचे खेती होनेवाले किसान यह है. जिन लोगोंके पास इससे कम खेती है मगर अन्य आयकी स्रोत होने के कारण उनको शासन के द्वारा दी जानेवाली आर्थिक सहायता की जरुरत नहीं है ऐसे इस योजनामे अपात्र लोगों के खाते में यदि पैसा ट्रांसफर हुआ तो उसे डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए वापस लिया जाता है. बैंक इस पैसे को अलग खाते में डालकर राज्य सरकार को वापस करति है. राज्य सरकार इसे https://bharatkosh.gov.in में जमा करवाती है. अगली किश्त जारी होने से पहले ऐसे लोगों के नाम योजना में से हटा दिए जाते है.
कौन लोग अपात्र है और किसको नहीं मिलेगा लाभ:
वर्तमान या पूर्व में संवैधानिक पद धारक, वर्तमान या पूर्व मंत्री, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसद को यह पैस नहीं मिलेगा, भले ही वो खेती करते हों. इसका कारण उनको सरकार की तरफसे मानधन सहित अन्य आर्थिक लाभ मिलते रहते है. केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी एवं किसीभी पेंशन योजनाकी तहत १० हजार से ज्यादा पेंशन पाने वाले व्यक्तियोंको ( किसानों ) को इसका लाभ नहीं मिलेगा. खेती करने वाले पेशेवर डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट को इसका लाभ नहीं मिलेगा. पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे.
नोट : देशके किसानोंको और जरुरतमंदोंको पूरा सहाय्य मिले इसके लिए मोदीजी नई नई योजना लाते है और उन्हें अनेक तरीकोंसे मदद पहुचाते है. मगर टैक्स भरनेवाले भारतीयोंका एक भी रुपिया गलत तरीकेसे खर्च ना हो इस बातपर मोदीजी का सख्त ध्यान रहता है. इसीलिये हर योजनाकी पूरी छानबीन होती है और टेस्ट चेक के तरीके जारी किये जाते है.
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