News-Atmanirbhar Bharat
आत्मनिर्भर भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 24 प्रमुख सेक्टरों की सरकार ने जारी की लिस्ट
- कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने सेक्टर्स से जुड़े मंत्रालयों को एक्शन प्लान भेजा
- सभी मंत्रालय अपनी अलग पॉलिसी लेकर आएंगे, ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी
डिपॉर्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने 24 प्रमुख सेक्टरों का चयन किया है। इन सेक्टर्स से जुड़े मंत्रालयों को देश को आत्मनिर्भर बनाने और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए एक एक्शन प्लान पर कार्य करने को कहा गया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।
इन प्रमुख सेक्टर्स का चयन
डीपीआईआईटी ने फूड प्रोसेसिंग, टॉयज, फर्नीचर, एग्रो कैमिकल्स, टैक्सटाइल्स, ऑर्गेनिक फार्मिंग, आयरन, एल्युमिनियम एंड कॉपर, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंडस्ट्रियल मशीनरी, लेदर एंड शूज और ऑटो पार्ट्स जैसे प्रमुख सेक्टर का चयन किया है।
मंत्रालयों को सौंपा प्रारंभिक एक्शन प्लान
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि चुने गए सेक्टर्स को उनसे संबंधित मंत्रालय की प्रतिक्रिया के लिए भेजा गया है। इन सेक्टर्स को क्या इंसेंटिव और पॉलिसी की जरूरत है, इस पर मंत्रालय को काम करना है। अधिकारियों का कहना है कि सभी मंत्रालयों को प्रारंभिक एक्शन प्लान सौंपा गया है और वे इस पर काम करेंगे। प्रत्येक मंत्रालय इन सेक्टर्स के लिए अपनी अलग पॉलिसी लेकर आएगा।
ग्लोबल सप्लायर बनना चाहता है भारत
अधिकारियों का कहना है कि सरकार इन सेक्टर्स में देश को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। साथ ही भारत को ग्लोबल सप्लायर के रूप में स्थापित करना है। डीपीआईआईटी टॉयज और फर्नीचर की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी
अधिकारियों के मुताबिक, सभी हितधारकों के साथ कई बैठक करने के बाद इन सेक्टर्स का चयन किया गया है। इन सेक्टर्स में भारत को ग्लोबल विनर और मजबूत मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की संभावना है। मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से ज्यादा से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी और भारत को निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
देश में अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 15% हिस्सेदारी
देश की अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की करीब 15 फीसदी हिस्सेदारी है। सरकार इसमें महत्वपूर्ण बढ़ोतरी करना चाहती है। अप्रैल-जून तिमाही में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (आईआईपी) में 29.2 फीसदी की गिरावट रही है। आईआईपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का 78 फीसदी योगदान है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान निर्यात में 26.65 फीसदी की गिरावट रही है। इस अवधि में कुल 97.66 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ है।
सौजन्य: दैनिक भास्कर
==== + ====