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केंद्र सरकार को रिजर्व बैंक देगा ९२१२२ करोड़ रुपए का सरप्लस फंड, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में हुआ फैसला
M Y Team दिनांक २२ मई २०२१
कोरोना की दूसरी लहर के बीच सरकार के लिए बड़ी राहत मिली है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 99,122 करोड़ रुपए का सरप्लस फंड देने का ऐलान किया। यह फंड मार्च 2021 तक खत्म 9 महीनों में RBI की जरूरतों से अलग है। फंड ट्रांसफर का यह फैसला RBI की सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने वर्चुअल मीटिंग के जरिए लिया।
कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए RBI ने लिया फैसला
गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली बोर्ड ने देश में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए यह फैसला लिया। जिसमें देश की आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू मुश्किलों को भी शामिल किया गया। जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक का सरप्लस अमाउंट सरकार को मिलेगा। इससे पहले RBI ने साल 2019 में केंद्र सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपए का फंड ट्रांसफर किया था। तब विपक्ष ने RBI की जमकर आलोचना की थी।
बोर्ड ने यह भी तय किया है कि रिजर्व बैंक में आपातकालीन जोखिम बफर 5.50% तक बनाए रखा जाएगा। जालान समिति की सिफारिश के मुताबिक रिजर्व बैंक के बैलेंस शीट का 5.5 से 6.5% हिस्सा आपातकालीन फंड के रूप में रखा जाना चाहिए।
RBI को अपनी इनकम में किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता, इसलिए अपनी जरूरतों को पूरी करने और जरूरी निवेश के बाद जो फंड बचता है उसे सरप्लस फंड कहते हैं। इसी फंड को वह सरकार को देता है। रिजर्व बैंक को आमदनी प्रमुख रूप से बॉन्ड में पैसा लगाने पर मिलने वाली ब्याज से होता है।
वर्चुअल मीटिंग में डिप्टी गवर्नर के साथ डायरेक्टर्स भी शामिल
ऑनलाइन मीटिंग में डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन, MD पात्रा, एम राजेश्वर राव, टी रवि शंकर शामिल रहें। साथ ही सेंट्रल बोर्ड के अन्य डायरेक्टर्स एन चंद्रशेखरन, सतीश के मराठे, एस गुरुमुर्ती, रेवती अय्यर और सचिन चतुर्वेदी भी शामिल रहें। इसके अलावा फाइनेंशियल सर्विसेस विभाग के सेक्रेटरी देबासीस पांडा और इकोनॉमी अफेयर विभाग के सचिव अजय सेठ भी शामिल रहे।
सौजन्य : दैनिक भास्कर
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