भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान पूरे किये 200 लंबित प्रोजेक्ट. अब बढ़ेगी ट्रेन की स्पीड और सुरक्षा
MY Team दी. २९ जून २०२०
कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद से जारी हुए लॉकडाउन में रेलवे के ट्रेनों के संचालन पर केंद्र शासनने रोक लगा दी थी. इससे रेलवेको भारी आर्थिक नुकसान भलेही हो गया हो. लेकिन लॉकडाउन के दौरान मिले खाली समय का रेलवे ने सदुपयोग किया है. लॉकडाउन में ट्रेनों की आवाजाही कम होने पर रेलवे ने २०० अति महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. ये परियोजनाएं यार्डमें बदलाव, पुरानी पुलों की मरम्मत, रेल लाइनों का दोहरीकरण और विद्युतीकरण और सीजर क्रॉसओवर रेलवे ट्रैक बदलने से संबंधित थी, जो कई सालों से लंबित पड़ी थी. रेलवे सेवाए नार्मल रूपसे जब चलरही थी तो ऐसे काम नहीं हो सकते थे क्योंकि ऐसे कामोंके वजह से रेलसेवा खंडित होकर यात्रियोंको भारी असुविधा हो सकती थी. और दूसरी और यह काम रुके होनेसे रेलवे सेवामें ट्रेनों की गति बढ़ाने में दिक्कत आना, असुरक्षितता बढ़ना ऐसे खतरे जारी थे.
लॉकडाउन के शुरुआती समय में ट्रेनें बिलकूल बंद थी और बाद्मेभी श्रमिक एक्सप्रेस जब सुरु हुई तो प्रति दीन सिर्फ २३० विशेष ट्रेनें ही चल रही थी. इसी बात का लाभ उठाते हुए रेलवे ने अपने २०० रुके हुए परियोजनाओं को पूरा कर लिया है. यह सब परियोजनाए लम्बे समय से लंबित थी. इनमें से कई परियोजनाएं ट्रेनों की गति और सुरक्षा बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होने वाली हैं.
इसी बीच ८२ पुराने रेल पुलों की मरम्मत की गई है. कम ऊंचाई वाले ४८ रोड अंडर ब्रिज या सबवे ( RUB) और १६ फुट ओवरब्रिज ( ROB ) का निर्माण कार्य पूरा किया गया है. १४ पुराने फुट ओवरब्रिज हटाए गए, सात रोड ओवर ब्रिज और पांच यार्ड को नया स्वरूप दिया गया है. इन सबमें एक परियोजना रेल पटरी के दोहरीकरण और विद्युतीकरण से जुड़ी है इनके अलावा २६ अन्य छोटे बड़े परियोजनाओं को भी पूरा किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोंना महामारी के समय अपने एक संवादमें देशवासियों को संदेश दिया था कि आपदा को अवसर में बदल लेना जरुरी है. भारतीय रेलवे ने प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को कारगार साबित किया है.
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