मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रोनिक्स की इन्सेंटिव योजना के लिए मोबाईल कंपनियोमे लगी होड़

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मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रोनिक्स की इन्सेंटिव योजना के लिए मोबाईल कंपनियोमे लगी होड़

सैमसंग, एपल की वेंडर समेत कई कंपनियों ने इंसेंटिव के लिए किया आवेदन. 5 साल में 11 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल फोन बनाए जाएंगे, 12 लाख रोजगार पैदा होंगे

मोदी सरकारकी इलेक्ट्रोनिक्स कम्पनियों केलिये बनायी गयी तीन योजनओंको बढ़िया रिस्पोंस मिला रहा है. सैमसंग, एपल की वेंडर समेत कई कंपनियों ने इंसेंटिव के लिए आवेदन दिया है. एपल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स समेत सैमसंग, लावा और डिक्सन जैसी कंपनियां अगले पांच साल में देश में 11 लाख करोड़ रुपए की मोबाइल डिवाइस और इसके उपकरण बनाएंगी। इन मोबाइल और डिवाइस का निर्माण सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाली नई स्कीम के तहत किया जाएगा।

पीएलआई के लिए किया आवेदन

एक सूत्र के मुताबिक, स्कीम के तहत प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (पीएलआई) का लाभ लेने के लिए कंपनियों ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी के पास प्रस्ताव जमा किया है। प्रस्ताव के मुताबिक, इससे 12 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसमें 3 लाख प्रत्यक्ष और 9 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार शामिल होंगे।

इन विदेशी कंपनियों ने किया आवेदन

जिन कंपनियों ने पीएलआई लाभ लेने के लिए आवेदन किया है उसमें सैमसंग, फॉक्सकॉन होन हाई, राइजिंग स्टार, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन शामिल हैं। फॉक्सकॉन होन हाई, राइजिंग स्टार, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन एपल के आईफोन की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स हैं। ताइवान की कंपनी पेगाट्रॉन भारत की नए निवेशक है। एपल और सैमसंग की ग्लोबल मोबाइल फोन सेल्स रेवेन्यू में करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी है।

इन मोबाइल फोन का होगा निर्माण

कंपनियों की ओर से जमा किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, 9 लाख करोड़ रुपए के ऐसे मोबाइल बनाए जाएंगे जिनकी कीमत 15 हजार रुपए प्रति यूनिट से ज्यादा होगी। वहीं, 2 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल ऐसे बनाए जाएंगे जो 15 हजार रुपए की सब कैटेगिरी में शामिल होंगे। इस प्रस्तावित उत्पादन कैपेसिटी में करीब 7 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल फोन का निर्यात होने का अनुमान है।

इन भारतीय कंपनियों ने किया आवेदन

पीएलआई लाभ लेने के लिए लावा, डिक्सन टेक्नोलॉजी, माइक्रोमैक्स और पैगेट इलेक्ट्रॉनिक्स ने आवेदन किया है। लावा की अगले पांच साल में इस स्कीम के तहत 800 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है।

केंद्र ने लॉन्च की हैं तीन योजना

केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल को तीन स्कीम्स को नोटिफाइड किया था। इसमें इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट एंड सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, मोडिफाइड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर्स (EMC 2.0) और प्रोडक्शन इंसेंटिव स्कीम शामिल हैं। इन तीनों स्कीम्स के तहत सरकार की ओर से अगले पांच साल में 50,000 करोड़ रुपए का इंसेंटिव दिया जाएगा।

कंपोनेंट बनाने के लिए इन कंपनियों ने किया आवेदन

मोबाइल फोन के अलावा कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग के लिए एटीएंडएस, एसेंट्स सर्किंट्स, सहासरा और विटेस्को जैसी कंपनियों ने आवेदन किया है। ये कंपनी इस स्कीम के तहत अगले पांच साल में 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कीतम के कंपोनेंट का निर्माण करेंगी।

सौजन्य : दैनिक भास्कर

Tags  PLI,  Production linked Incentive Scheme,  Electronics,  Mobile Companies

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One thought on “मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रोनिक्स की इन्सेंटिव योजना के लिए मोबाईल कंपनियोमे लगी होड़

  1. This is a good sign for Make in India program. Also the news that 12 Lacs jobs are being created is very good news in current times.

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