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किसानों के प्रदर्शन के कारण सप्लाई चेन पर पड़ रहा असर, इकोनॉमी की रिकवरी हो सकती है प्रभावित
देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे किसानों के आंदोलन के कारण सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। इससे आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। यदि यही हाल रहा तो कोविड-19 के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था की रिकवरी प्रभावित हो सकती है। इंडस्ट्री चैंबर कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (CII) ने यह बात कही है।
किसानों के प्रदर्शन के कारण कई जगह रोड ब्लॉक
CII का कहना है कि करीब दो सप्ताह से चल रहे किसानों के प्रदर्शन के चलते यातायात प्रभावित हो रहा है। साथ ही दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में कई चेकपॉइंट पर रोड ब्लॉक हो रहा है। कई अन्य राज्यों में भी यही स्थिति बनी हुई है। कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद से सप्लाई चेन उबरने का प्रयास कर रही है। लेकिन किसानों के प्रदर्शन ने फिर सप्लाई चेन के सामने संकट पैदा कर दिया है।
सामान पहुंचाने में लग रहा ज्यादा समय
इंडस्ट्री कन्फेडरेशन का कहना है कि मौजूदा हालातों के कारण दो-तिहाई सामान को अपने गंतव्य तक पहुंचने में 50% ज्यादा समय लग रहा है। हरियाणा, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्यों के वेयरहाउस से दिल्ली सामान पहुंचाने के लिए वाहनों को 50% ज्यादा सफर तय करना पड़ रहा है। इससे लॉजिस्टिक्स लागत में भी 8 से 10% की बढ़ोतरी हो सकती है।
कंपनियों के सामने लेबर की समस्या पैदा हुई
CII के मुताबिक, दिल्ली के आसपास की इंडस्ट्रियल बेल्ट के मजदूरों को नजदीकी शहर से कंपनी तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण कंपनियों के सामने लेबर की समस्या पैदा हो गई है। CII के नॉर्दर्न रीजन के चेयरमैन निखिल साहनी के मुताबिक, किसानों के प्रदर्शन का तुरंत समाधान करने की आवश्यकता है। प्रदर्शन के कारण ना केवल इकोनॉमिक ग्रोथ पर असर पड़ रहा है बल्कि सप्लाई चेन भी प्रभावित हो रही है। इसका असर लॉर्ज और स्मॉल दोनों इंडस्ट्रीज पर पड़ रहा है।
पहाड़ी क्षेत्र की इंडस्ट्रीज पर ज्यादा असर
साहनी के मुताबिक, किसानों के प्रदर्शन का हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी क्षेत्र की इंडस्ट्रीज पर ज्यादा असर पड़ रहा है। इसका कारण है कि यह कंपनियां सामान की आपूर्ति के लिए सड़क मार्ग पर निर्भर हैं। इसके अलावा इन राज्यों के किसानों के फार्म उत्पादों को दिल्ली-NCR तक पहुंचाने को लेकर भी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इससे फार्म सेक्टर में भी महत्वपूर्ण नुकसान की संभावना बनी हुई है। इन पहाड़ी राज्यों का अधिकांश रेवेन्यू टूरिज्म पर निर्भर है लेकिन किसान प्रदर्शन से इस पर भी असर पड़ रहा है।
सभी हितधारकों से जल्द प्रदर्शन खत्म करने की अपील
इकोनॉमी को फिर से ग्रोथ की पटरी पर लाने की चुनौती को देखते हुए CII ने सभी हितधारकों से इस प्रदर्शन को जल्द से जल्द खत्म करने की अपील की है। CII का कहना है कि इंडस्ट्री और इकोनॉमी के हित में इस समस्या के सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचना जरूरी है।
सौजन्य: दैनिक भास्कर
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