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प्रधानमंत्रीने जारी किया १ लाख करोड़का कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड
M Y Team- For Kisan दी. ९ अगस्त २०२०
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विडिओ कोंन्फ्रंस द्वारा किये एक कार्यक्रममें कृषि विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपए का फंड जारी किया है. कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड कोविड-१९ से निपटने के लिए घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपए के आत्म निर्भर आर्थिक पैकेज का का हिस्सा है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे. देश के अलग-अलग राज्यों के किसान, आम नागरिक और को-ऑपरेटिव मेंबर भी ऑनलाइन जुड़े थे. इस समय प्रधानमंत्री ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में बटन दबाकर ८.५ करोड़ किसानों के खातों में १७००० करोड़ रुपये की पीएम किसान सम्मान निधि योजना की छठी किस्त भी जारी की.
कृषि विकास फण्ड का मुख्या उद्दिष्ट कृषि संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए अर्थ सहाय्य देना है. इस फंड से खेती से जुड़े प्रोजेक्ट्स के लिए ही अर्थ सहाय किया जाएगा. इस फंड के तहत 10 साल तक वित्तीय सुविधा मुहैया कराई जाएगी. इस फंड के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ओर से एक लाख करोड़ रुपए का लोन दिया जाएगा. यह लोन प्राइमरी एग्री क्रेडिट सोसायटी, किसानों के समूह, किसान उत्पाद संगठनों, एग्री एंटरप्रिन्योर, स्टार्टअप्स और एग्रीटेक प्लेयर्स को दिया जाएगा. इस फंड के अंतर्गत किसानों को कोल्ड स्टोरेज तैयार करना, कृषि उत्पाद का कलेक्शन सेंटर बनाना, कृषि उत्पादसे फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाना जैसे काम के लिए अर्थ सहाय्य दिया जाएगा. इस फंड से वेयरहाउस, साइलो, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट्स लगाने के लिए भी लोन दिया जाएगा. इस वित्तीय वर्षके कई महीने बित गए है इसीलिए मौजूदा वित्त वर्ष में १० हजार करोड़ रुपए का लोन दिया जाएगा. अगले तीन वित्त वर्ष में 30-30 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया जाएगा.
इस फंड को जारी करने का उद्देश्य गांवों में निजी निवेश और नौकरियों को बढ़ावा देना है. इस सुविधा के तहत लोन पर सालाना ब्याज में 3 फीसद छूट दी जाएगी. यह छूट अधिकतम २ करोड़ रुपए तक के लोन पर डी जाएगी. इस ब्याज छूट का लाभ ज्यादा से ज्यादा ७ साल तक मिलेगा. इस फंड का इस्तेमाल फसल कटाई के बाद कृषि संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए किया जाएगा. अर्थमंत्री श्रीमती निर्मला सितारामन ने आत्मनिर्भर आर्थिक पैकेज की घोषणा करते समय फ़ार्म गेट इन्फ्रास्ट्रकचर की बात कही थी. आज किसानोकी उपज को अच्छा दाम नहीं मिलता क्योंकि उनकी उपज ज्यादा दीन तक अछि नहीं रहती या कृषि उपज पर प्रक्रिया करके किसान उसमे मूल्यवृदधि नहीं कर सकते है. इसी लिए मोदी सरकारने जिधर किसान उपज करता है उसी जगह पर किसान की खेती के नजदीक कृषि उपज सम्बन्धी सभी सुविधाए तैयार करने का फैसला लिया था. एग्री इंफ्रा फंड का इस्तेमाल गांवों में कृषि क्षेत्र से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में किया जाएगा.
अगर कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा तो किसान के पास फल, सब्जी और अन्य कृषि उत्पादों के रखने के लिए बेहतर भंडारण की सुविधा होगी. कोल्ड स्टोरेज में किसान अपनी फसल रख पाएंगे. इससे फसलों की बर्बादी कम होगी और उचित समय पर उचित कीमत के साथ किसान अपनी फसल बेच पाएंगे. फूड प्रोसेसिंग यूनिट लग जाने से भी किसानों का बहुत फायदा होगा और हर साल होने वाले नुकसान से राहत मिलेगी. इसकी मदद से किसानों को उनकी फसल के लिए ज्यादा पैसे मिलेंगे और उनकी इनकम बढ़ाने में मदद मिलेगी.
सन २०२२ तक मोदी सरकार किसानों की इनकम दोगुना करने का वादा कर चुकी है और अपने इस के वादे पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. एक लाख करोड़ का फंड अलग-अलग वित्तीय संस्थानों की मदद से इकट्ठा किया जाएगा. १२ में से ११ पब्लिक सेक्टर बैंक पहले ही सहमति पर साइन कर चुके हैं. इसी कारणवश इस फंड से मिलने वाले लोन जल्दीसे उपलब्ध होने की गारंटी है.
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