मणिपुर जल परियोजना का शिलान्यास मोदीजीने कहा- Ease of Living पर हर गरीब का हक
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 6 साल में हर क्षेत्र में वे कदम उठाए गए हैं, जो गरीब को, सामान्य जन को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकें.
मणिपुर (Manipur) में हर घर में पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इम्फाल में ‘मणिपुर जल आपूर्ति परियोजना’ (Manipur Water Supply Project) का शिलान्यास किया. 3,000 करोड़ रुपये वाली इस परियोजना से इम्फाल और आसपास के इलाकों में ‘हर घर जल’ (Har Ghar Jal) योजना के तहत घर-घर में पीने के पानी (Drinking Water) का कनेक्शन लगाया जाएगा. प्रधानमंत्री ने इस परियोजना का दिल्ली से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया.
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज इंफाल सहित मणिपुर के लाखों साथियों के लिए, विशेषतौर पर हमारी बहनों के लिए बहुत बड़ा दिन है. लगभग 3 हज़ार करोड़ रुपये की लागत से पूरे होने वाले मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट से यहां के लोगों को पानी की दिक्कतें कम होनी वाली हैं.’
उन्होंने कहा कि ये प्रोजेक्ट आज की ही नहीं बल्कि अगले 20-22 साल तक की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. इस प्रोजेक्ट से लाखों लोगों को घर में पीने का साफ पानी तो उपलब्ध होगा ही, हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
ईज ऑफ लीविंग एक आंदोलन
पीएम मोदी ने कहा कि लोगों की जीवन सरल और सुगम बनाने के मकसद से उज्जवला योजना और जल जीवन मिशन की शुरूआत की गई है. उन्होंने कहा कि ईज ऑफ लीविंग (Ease of Living) बेहतर जीवन की एक जरूरी शर्त है. पैसा कम हो सकता है, ज्यादा हो सकता है लेकिन Ease of Living पर सबका हक है, हर गरीब का हक है. इसलिए बीते 6 सालों में भारत में ईज ऑफ लीविंग का भी एक बहुत बड़ा आंदोलन चल रहा है.
जीवन में सुधार पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 6 साल में हर स्तर पर, हर क्षेत्र में वे कदम उठाए गए हैं, जो गरीब को, सामान्य जन को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकें. आज LPG गैस गरीब से गरीब के किचन तक पहुंच चुकी है. हर गांव को अच्छी सड़क से जोड़ा जा रहा है. हर गरीब बेघर को रहने के लिए अच्छे घर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. एक बड़ी कमी रहती थी साफ पानी की, तो उसको पूरा करने के लिए भी मिशन मोड पर काम चल रहा है.
पूर्वोत्तर में विकास
पूर्वोत्तर राज्यों के विकास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा ये नॉर्थ-ईस्ट, एक प्रकार से पूर्वी एशिया के साथ हमारे प्राचीन सांस्कृतिक रिश्तों और भविष्य के ट्रेड, ट्रैवल और टूरिज्म के रिश्तों का गेटवे है. इसी सोच के साथ मणिपुर सहित पूरे नॉर्थ-ईस्ट में कनेक्टिविटी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर निरंतर बल दिया जा रहा है.
सड़क नेटवर्क
सड़कमार्ग, हाइवे, रेलमार्ग, जलमार्ग और i-ways के साथ-साथ गैस पाइपलाइन का भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर नॉर्थ-ईस्ट में बिछाया जा रहा है. कोशिश ये है कि नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों की राजधानियों को चार-लेन, जिला हेडक्वार्टर्स को दो-लेन और गांवों को ऑल वैदर रोज ( all weather road) से जोड़ा जाए. इसके तहत करीब 3,000 किलोमीटर सड़कें तैयार भी हो चुकी हैं और करीब 6,000 किलोमीटर के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है.
रेल नेटवर्क
प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तो नॉर्थ-ईस्ट में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. एक तरफ नए-नए स्टेशनों पर रेल पहुंच रही है, वहीं दूसरी तरफ नॉर्थ-ईस्ट के रेल नेटवर्क को ब्रॉडगेज में बदला जा रहा है.
सौजन्य: ज़ी बिज़नेस
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