News & Updates- National Pension Scheme
वरिष्ठ नागरिकों के लिए हुआ है NPS में बदलाव, योजनामे ७० वर्ष तक प्रवेश कर सकते है.
M Y Team दिनांक १४ सप्टेम्बर २०२१
नॅशनल पेंशन स्कीममें हालहीमे किये गए सुधारोंके अनुसार योजनामे प्रवेश करनेकी आयु को 18 से 70 वर्ष तक कर दिया गया है। पहले यह 18 से 65 वर्ष तक था। इसका अर्थ है कि आप 70 वर्ष की उम्र में भी एनपीएस से जुड़ सकते हैं। नॅशनल पेंशन स्कीमपेंशन फंड रेग्युलेटरी ऑथोरिटी Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA) के द्वारा चलायी जानेवाली योजना है I शुरुमे यह योजना सिर्फ हाल ही में नियमों में कुछ संशोधन हुआ है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) के लिए भी इसमें खाता खुलवाना आसान हो गया है। सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) के लिए शुरू की गई यह राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) या एनपीएसमें अभी प्राइवेट सेक्टर (Private Sector) में काम करने वाले कर्मचारी भी खाता खुलवा सकते हैं।
एनपीएस क्या है?
राष्ट्रीय पेंशन योजना या एनपीएस एक लंबी अवधि की सेवानिवृत्ति निवेश योजना है, जो स्वैच्छिक प्रकृति की है और कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन के रूप में सामाजिक सुरक्षा कवर प्रदान करती है। न्यूनतम उम्र 18 वर्ष की उम्र वाला व्यक्ति एनपीएस में खाता खोल सकता है, और उसे मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए सेवानिवृत्ति तक अपना अंशदान करते रहना होगा। सेवानिवृत्ति के बाद, खाताधारक कुल राशि का 60% तक निकाल सकता है जो कि पूरी तरह टैक्स-फ्री है। हालाँकि, सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए शेष 40% की राशि की पीएफआरडीए-पंजीकृत बीमा फर्मों से अनिवार्य रूप से एन्यूइटी खरीदनी होगी।
अब इसमें प्रवेश की आयु क्या है?
पीएफआरडीए ने अपने संशोधित दिशानिर्देशों में प्रवेश आयु को बढ़ाकर 70 वर्ष कर दिया है जो कि पहले 65 वर्ष थी। इस तरह, संशोधन के अनुसार, 18-65 वर्ष की मौजूदा प्रवेश आयु को संशोधित कर 18-70 वर्ष कर दिया गया है। जिन सब्सक्राइबर ने पहले के नियमो अनुसार अभिसे पहले अपने एनपीएस खाते बंद कर दिए हैं, वे अब बढ़ी हुई आयु पात्रता मानदंडों के अनुसार नए एनपीएस खाते खोल सकते हैं।
इक्विटी एक्सपोजर को पर कोई कैपिंग भी है?
एनपीएस में फंड को इक्विटी एसेट में भी निवेश करने की अनुमति है, लेकिन एक सीमा तक। सब्सक्राइबर (निवेशकों) को दो विकल्प दिए गए हैं- ऑटो चॉइस और एक्टिव चॉइस। डिफ़ॉल्ट रूप से ऑटो चॉइस का विकल्प चुनने पर इक्विटी में आवंटन की सीमा 15% है जबकि एक्टिव चॉइस में, कैप के आधार पर आवंटन का निर्णय लिया जा सकता है – जो आमतौर पर 50% से 75% होता है। इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए 50% पर कैप किया गया है। पीएफआरडीए के अनुसार, 65 वर्ष की आयु के बाद एनपीएस में शामिल होने वाले सब्सक्राइबर, ऑटो और एक्टिव चॉइस के तहत क्रमशः 15% और 50% के अधिकतम इक्विटी एक्सपोजर के साथ पेंशन फंड (PF) और एसेट आवंटन का विकल्प चुन सकते हैं। पीएफ को साल में एक बार बदला जा सकता है जबकि एसेट आवंटन को दो बार बदला जा सकता है।
योजनामे शामिल व्यक्ति के लिए एग्जिट के लिए- तोजनासे बाहर निकले की क्या व्यवस्था है?
ऐसे सब्सक्राइबर के लिए सामान्य निकास खाता खोलने के तीन साल बाद होगा। हालांकि, नियमों से पता चलता है कि 65 वर्ष की आयु के बाद एनपीएस में शामिल होने वाले खाताधारक को कम से कम 40% कॉर्पस का उपयोग करना होगा या उसकी एन्यूइटी खरीदनी होगी। शेष राशि को एकमुश्त निकाला जा सकता है। लेकिन, अगर कॉर्पस 5 लाख रुपए या उससे कम है तो खाताधारक संपूर्ण संचित पेंशन निधि निकालने का विकल्प चुन सकता है।
लोंक इन के तीन साल से पहले निकासी पर क्या होगा?
कोई ऐसा सब्सक्राइबर यदि तीन साल से पहले समय-पूर्व निकास होता है, तो सब्सक्राइबर को कम से कम 80% कॉर्पस का एन्यूइटी में उपयोग करना होगा। शेष बची राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है। हालांकि, अगर कॉर्पस 2.5 लाख रुपए या उससे कम का है तो खाताधारक संपूर्ण संचित पेंशन निधि निकालने का पात्र होगा।
एनपीएस में एन्यूइटी क्या है?
आसान शब्दों में कहें तो एन्यूइटी एक बीमा अनुबंध है, जो किसी व्यक्ति को आजीवन निश्चित आय प्रदान करता है। एनपीएस के अंतर्गत, पेंशन के लिए पीएफआरडीए-पंजीकृत बीमा फर्मों से एन्यूइटी प्लान खरीदने के लिए निश्चित राशि की आवश्यकता होती है। एन्यूइटी, एकमुश्त राशि को आय के एक निश्चित प्रवाह में परिवर्तित करके काम करती है। मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए सेवानिवृत्ति के समय 40% कॉर्पस से एन्यूइटी खरीदना अनिवार्य है।
क्या वरिष्ठ नागरिकों को दिशानिर्देशों में संशोधन के बाद एनपीएस में निवेश करना चाहिए?
इस पेंशन निवेश इंस्ट्रूमेंट को मौजूदा सब्सक्राइबर तथा उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए एनपीएस दिशानिर्देशों में संशोधन किए गए हैं, जिन्होंने सेवानिवृत्ति प्राप्त कर ली है। यह उन्हें लंबे समय तक इक्विटी में निवेश करने तथा फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे परंपरागत इंस्ट्रूमेंट की तुलना में बेहतर रिटर्न प्राप्त करने का विकल्प देता है। ऐसा कहा जाता है कि वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करना चाहिए जो उन्हें सुनिश्चित रिटर्न के साथ आसानी से लिक्विडिटी प्रदान करें। एनपीएस निवेश अवधि के दौरान और बाद में लॉक-इन के साथ आता है, साथ ही जब आप एन्यूइटी में अनिवार्य रूप से निवेश करते हैं तब भी। तो वरिष्ठ नागरिकों के लिए लॉक-इन शर्तों के कारण लिक्विडिटी एक मुद्दा हो सकता है। दूसरे, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाए गए कई अन्य इंस्ट्रूमेंट जैसे कि गारंटीशुदा रिटर्न प्रदान करने वाले एससीएसएस या पीएमवीवीवाई के विपरीत एनपीएस में रिटर्न गारंटीशुदा नहीं है। तीसरा, वरिष्ठ नागरिकों द्वारा एनपीएस में निवेश करना उस युवा निवेशक की तुलना में उतना लाभप्रद नहीं हो सकता है, जिसे अपने पैसे पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए लंबी निवेश अवधि मिलती है। वरिष्ठ नागरिक की उम्र को ध्यान में रखते हुए, उनके पास अच्छा रिटर्न पाने के लिए निवेशित बने रहने के लिए बहुत कम समय होगा। इसके साथ ही, छोटी निवेश अवधि के दौरान बाजार की अस्थिरता से उनके रिटर्न को नुकसान भी हो सकता है। इसके अलावा, अनिवार्य रूप से एन्यूइटी खरीदने का प्रावधान वरिष्ठ नागरिकों को अपने संपूर्ण कॉर्पस पर अधिकार रखने से वंचित कर देता है, जो कि अन्य इंस्ट्रूमेंट के मामले में नहीं हो सकता है।
सौजन्य-नवभारत टाइम्स