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EPFO ने जारी किए आंकड़े, अक्टूबर 2021 में जोड़े 12.73 लाख सब्सक्राइबर्स, रोजगार की स्थिति में आया सुधार
M Y Team दिनांक २० दिसंबर २०२१
EPFO subscribers in October 2021: एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन यानी ईपीएफओ (EPFO) की ओर से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक देश में रोजगार की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. दरअसल, ईपीएफओ ने अक्टूबर 2021 में 12.73 लाख सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं. 20 दिसंबर 2021 को जारी ईपीएफओ के अनंतिम पेरोल डेटा के मुताबिक अक्टूबर 2021 के महीने के दौरान 12.73 लाख शुद्ध नए ग्राहकों को इससे जोड़ा गया है.
सब्सक्राइबर्स की संख्या में 7.57 लाख की वृद्धि
पिछले साल अक्टूबर की बात करें तो उस दौरान 11.55 लाख शुद्ध ग्राहक जोड़े गए थे. पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष लगभग 10.22% की वृद्धि हुई है. कुल 12.73 लाख शुद्ध ग्राहकों में से 7.57 लाख ऐसे लोग हैं जिनका नाम पहली बार ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के तहत नामांकित किया गया है. वहीं 5.16 लाख नेट सब्सक्राइबर के बाहर होने की जानकारी भी सामने आ रही है. लेकिन वह सभी ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता जारी रखने का विकल्प चुनकर ईपीएफओ में फिर से शामिल हो गए हैं.
उम्र के हिसाब से देखा जाए, तो अगस्त में 22 से 25 साल की एजग्रुप में सबसे ज्यादा 3.37 लाख नोमिनेशन हुए. वहीं 18 से 21 की आयुवर्ग में 2.50 लाख नामांकन हुए. इन आंकड़ों से पता चलता है कि पहली बार नौकरी (jobs) पाने वाले बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं. अक्टूबर माह में ईपीएफओ से जुड़ने वाले नए सदस्यों इनका योगदान लगभग 46.12% प्रतिशत का है.
इन राज्यों में बढ़ी संख्या
राज्यवार तुलना के मुताबिक, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक के प्रतिष्ठान इसमें आगे रहे. इन राज्यों में सभी आयुवर्ग में ईपीएफओ सदस्यों की संख्या में 7.72 लाख का इजाफा हुआ, जो कुल बढ़ोतरी के आंकड़े का 60.64% प्रतिशत है. ईपीएफओ ने कहा कि ये आंकड़े अस्थायी हैं और कर्मचारियों के रिकॉर्ड का अपडेट एक सतत प्रक्रिया है. ईपीएफओ अपने सदस्यों को उनकी रिटायरमेंट पर भविष्य निधि और पेंशन लाभ प्रदान करता है.
अक्टूबर में 2.69 लाख महिलाओं का नामांकन हुआ
जेंडर की बात की जाए तो अक्टूबर में 2.69 लाख महिलाओं को एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन यानी ईपीएफओ से जोड़ा गया है. महिला नामांकन का हिस्सा कुल शुद्ध ग्राहकों की संख्या का लगभग 21.14% है. जो कि आने वाले दिनों में महिलाओं को मिलने वाले रोजगार के लिए बेहतर है.
सौजन्य-झीबिझ