Organic India- Organic Food
झारखण्ड का जंगली उत्पाद बोडा मशरूम तथा रुगड़ा प्रोटीन और इम्युनिटी बढ़ानेवाले तत्वों का खजाना है
M Y Team दिनांक १९ मई २०२१
कोरोना संक्रमण के दौर में मजबूत इम्युनिटी की अहम भूमिका है। झारखंड के वनों में कई ऐसे जंगली उत्पाद हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करते हैं। ऐसा ही एक वनोत्पाद है, झारखंड का शाकाहारी मटन कहा जाने वाला रुगड़ा। आयुर्वेदाचार्य कैंसर और अस्थमा जैसे रोगों के इलाज में इसे लाभकारी मानते हैं।
कोरोना में शरीर की ताकत बढ़ाने में भी यह लाभकारी हो सकता है। इसमें कैलोरी कम और प्रोटीन भरपूर होता है। प्रोटीन बढ़ाने वाले दूसरे उत्पाद काफी कैलोरी वाले भी होते हैं, जो वजन बढ़ाते हैं। रुगड़ा में ऐसा नहीं है। ऐसे में यह मधुमेह और हृदय रोगियों के लिए उत्तम आहार है। वहीं, छत्तीसगढ़ में इसे बोड़ा मशरूम कहा जाता है।
इसकी विशेषताए क्या है
- बिरसा कृषि विश्व विद्यालय के वानिकी और औषधि पौधा विज्ञानी डा. कौशल कुमार बताते हैं कि रुगड़ा प्राकृतिक रूप में जंगलों में बारिश में होता है। ये सिर्फ रंग-रूप में ही नहीं गुणों में भी मशरूम के समान है।
- इसमें उच्च कोटि के प्रोटीन के साथ कई प्रकार के विटामिन, जैसे विटामिन-सी, विटामिन डी, विटामिन-बी कांप्लेक्स, राइबोलेनिन, थाइमिन, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड और लवण, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम एवं तांबा पाया जाता है।
- इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, रायपुर के कृषि वैज्ञानिक डा. ए के पति के मुताबिक बोड़ा को सर्वाधिक पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक और औषधीय गुणों से युक्त रोगरोधक सुपाच्य खाद्य पदार्थ के रूप में स्वीकार किया गया है। सफेद रंग का रुगड़ा सर्वाधिक पौष्टिक माना जाता है।
- उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों को कोरोना से ज्यादा खतरा होता है। बोड़ा के सेवन से यह खतरा टल सकता है।
कहां पाया जाता है, क्या है दाम
रुगड़ा मुख्यतया झारखंड और आंशिक तौर पर उत्तराखंड, बंगाल, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में होता है। बरसात के शुरुआती दिनों में इसकी कीमत एक हजार से 12 सौ रुपये प्रति किलो तक होती है, जबकि अभी यह तीन हजार रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।
पञ्चतारांकित होटलमें भी पाया जाता है
आजकल यह पंचतारांकित होटल में भी पाया जाता है I रामचंद्र ओराव जो की होटल रेडिसन ब्लू के मुख्य बावर्ची है उन्होंने बताया की उनके रेस्तरोमें जब झारखंडी खाद्य महोत्सव आयोजित किया जाता है तभी रुगडा उसमे जरुर मिलता है I उसमे रुगडा ३५० से ४०० रुपीये पर प्लेट की हिसाब से मिलता है I रांची के नामचीन रेस्तोरो येलो सफायर और जंगली मून्दंस में भी रुगडाकी बनी डीश मिलती है I हमारे भारतीय संस्कृतिमे हमारे पूर्वज ऐसे कई प्राकृतिक आरोग्यवर्धक खाद्यान्न का इस्तेमाल करते आये मगर हमने इसे छोड़कर जंक फ़ूड को अपनाया है I यह समय है की हम अपनी विरासत को पहचाने और अपनाए I
सौजन्य- दैनिक जागरण
==== + ====