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प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना ( PM-SYM )
योजनाका नाम : प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना
मंत्रालय : श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
योजनाकि शुरुआत : २३ जुलाई २०१९
योजनाकि वेब साईट : https://labour.gov.in
योजनाका उद्दिष्ट : इस योजनाका मुख्य उद्दिष्ट असंघटित क्षेत्रके मजदूरोंको वृद्धा अवस्थामे आयुकी ६० साल होने के बाद मासिक पेंशन देकर उनको आर्थिक और सामजिक सुक्षा देना है. यह योजना उन मजदूरवर्ग के लिए है जो रिक्शा खीचना, हमाली, कूड़ा कचरा जमा करना, खेतिमे मजदूरी, ईटे बनाना, बांधकाम पर मजदूरी, रास्तेपर विक्री, घरेलू कामगार, बीडी- हथकरघा जैसे असंघटित क्षेत्रमें मजदूरी करते है. योजना जारी करते समय देशमे ऐसे करीबन असंघटीत क्षेत्रमे काम करनेवाले ४२ करोड़ मजदुर होनेका अंदाजा लगाया गया था.
योजनाका स्वरुप : यह योजना असंघटित क्षेत्रके मजदूरोंके लिए पहले बार बनाया गया एक फायदेमंद पेंशन प्लान है. योजनाके लिए पात्र मजदुर इस योजनाको स्वेच्छासे स्वीकार कर अपने आयुके साठसाल पुरे होनेतक प्रतिमाह किश्त भरकर अपने आयुकी ६० साल पुरे होनेके बाद आगेकी पूरी जिन्द्गितक पेंशनका लाभ उठा सकते है. उनके मृत्युके बाद उनके पत्नीको इसका आधा पेंशन उनकी पूरी जिन्दगीतक मिलेगा. इस योजनामे वह मजदूर पात्र है जो असंघटित क्षेत्रमे काम करते है और उनकी आमदनी प्रतिमाह रु. १५००० हजार रुपियातक सीमित है. इस योजनामे १८ से ४० सालतककी उम्रका कोईभी पात्र व्यक्ति ज्वाइन कर सकता है. उसे ज्वाइन करनेके माहसे उसकी उम्रकी ६० साल पुरे होनेतक इस पेंशन योजनाकी किश्त भरनी पड़ेगी. उसके उम्रके ६० साल पुरे होनेके बाद उसकी पूरी जिन्द्गितक उसे प्रतिमाह पेंशन मिलेगी. इस योजनामे रु.३००० तक पेंशन मिल सकती है. उसकी किश्त योजनामे शामिल होते वक्त उस व्यक्तिकी उम्र और उसने चुनी हुई पेंशनकी प्रतिमाह रकम के अनुसार निश्चित होती है.
योजनाकी विशेषता : यह योजनाकी विशेषता यह है की शामिल होनेवाला मजदूर जीतनी किश्त भरता है उतनीही रकम केंद्र सरकार उसके खातेमे भारती है. स्पष्ट रुपसे बताया जाय तो लाभार्थिकी जो निश्चित की हुई किश्त है उसकी आधी रकम खुद भरनी पड़ती है बची हुई आधी रकम केंद्र शासन दे देती है. इसी वजहसे कम रकम भरकर मजदुर बुढापेमे ज्यादा पेंशन मिलनेका प्रावधान आसानीसे कर सकता है. इस योजनामे मिलनेवाली पेंशन मोदी सरकारके स्थायी नियमके अनुसार सीधी लाभार्थिके बैंक खातेमे जमा होती है. लाभार्थिको कोई बिचौलियोंका डर नहीं है या कोई सरकारी दफ्तरमें जानेकी आवश्यकता नहीं है. योजनाकी किश्त भरनेके लिए लाभार्थी बेंककी ऑटो डेबिट सुविधाका लाभ ले सकता है. असंघटित क्षेत्रमके मजदुरकी आयकी स्रोतमें अनिश्चितता ध्यानमे रखते हुए उसे योजनाके पुरे होनेसे पहले यदि योजनासे बाहर निकलना पड़े तो उसके नियम भी बनाए गए है. योजनामे दाखिल होनेसे १० सालके अंदर लाभार्थी योजनासे बाहर निकलता है तो उसे उसने भरे किश्तकी जमा रकम और उसपर बचत खातेकी दरसे इंटरेस्ट दी जायेगी. यदि लाभार्थी दस सालके बाद मगर ६० सालकी उम्र होनेसे पहले बाहर निकलता है तो उसे उसकी जमा रकमपर इस योजनाके लिए बनायी गयी फंडने उसकी जमा रकम पर कमाया हुआ मुनाफा या फिर बचत खातेकी दरसे होनेवाली इंटरेस्ट इन दोनोमेसे जो ज्यादाकी रकम होगी वह दी जायेगी.
योजनाके साथ जुड़नेका तरीका : असंघटित क्षेत्रका कोई भी मजदूर ई सुविधा केंद्र में जाकर एस योजनासे ऑनलाइन जुड़ सकता है. उसे सिर्फ अपना आधार कार्ड और अपना बचत खाता या जनधन खातेकी जानकारी देनी पड़ेगी. इस योजनामे रजिस्टर करनेके बाद पहली किश्त उसे नकद रकममें जमा करनी पड़ेगी बादमे वह ऑटो डेबिट सुविधाका लाभ उठा सकते है.
संकलक : प्रा. विनायक आम्बेकर
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