Ground Report- For Poor-Jandhan Yojana
प्रधानमंत्री जनधन योजना का छह साल का रिपोर्ट कार्ड
M Y Team दी. २९ अगस्त २०२०
देश के सभी नागरिकों को बैंक खाते से जोड़ने वाली प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के आज छह साल पूरे हो गए. श्री नरेन्द्र मोदी ने आपने कार्यकाल के शुरवाती दिनोमे इस योजनाके लागू किया था. जिन गरीब वर्गकि भाई बह्नोका कभी बैंक खाता नहीं बना था उनका जीरो बैलेंसके साथ बैंक खाता खुलवा दिया था. उसके साथ उन समाज के कमजोर वर्गोंको फाइनेंशियल इनक्लूजन यानी वित्तीय सेवाओं के दायरे में लाने का महत्व पूर्ण कार्य किया था. इन छह वर्षों में ४०.३५ करोड़ से अधिक लोगोंने इस योजना में अपने बैंक खाते खुलवाये है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज छटी वर्षगाठ पर इसकी जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने २०१४ में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में जनधन योजना की घोषणा की थी. उसी साल २८ अगस्त को इस योजना की शुरुआत हुई. सीतारमण ने इस योजना की छठी वर्षगांठ के अवसर पर कहा, ”पीएमजेडीवाई मोदी सरकार की जन-केंद्रित आर्थिक पहलों की आधारशिला रही है.”
उन्होंने कहा, ”चाहे वह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर हो, कोविड-19 वित्तीय सहायता हो, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत वेतन में वृद्धि हो या जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर, पहला कदम सभी बड़ों (व्यस्कों) को बैंक खाता मुहैया कराना था. इसे योजना ने लगभग पूरा कर लिया है.” वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि फाइनेंशियल इनक्लूजन सरकार की राष्ट्रीय प्राथमिकता है क्योंकि यह समावेशी विकास का उत्प्रेरक है.
बयान में कहा गया है कि इस खाते से गरीब लोगों को अपनी बचत औपचारिक वित्तीय प्रणाली में रखने का रास्ता खुला और इसके जरिए गांवों में अपने परिवारों तक पैसे भेजने के साथ ही उन्हें साहूकारों के चंगुल से निकलने में भी मदद मिली.
इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पीएमजेडीवाई ने बैंकिंग प्रणाली में इससे छूट गए लोगों को जोड़ा और ४० करोड़ से अधिक खाताधारकों को वित्तीय प्रणाली में शामिल किया गया, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं और अधिकांश खाते ग्रामीण भारत के हैं.
पीएमजेडीवाई खातों के तहत कुल जमा शेष राशि १.३१ लाख करोड़ रुपये और प्रति खाता औसत जमा राशि ३,२३९ रुपये है. सरकार ने २०१८ में नई सुविधाओं और फायदों के साथ पीएमजेडीवाई के दूसरे संस्करण को पेश किया. इसके तहत सरकार ने २८ अगस्त २०१८ के बाद खोले गए खातों के लिए रुपे कार्ड पर मुफ्त आकस्मिक बीमा कवर देने का फैसला किया. साथ ही ओवरड्राफ्ट की सीमा भी बढ़ाकर १०,००० रुपये कर दी गई और बिना किसी शर्त २,००० रुपये तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी गई. पिछले एक साल में लगभग ३.६ करोड़ जन धन खाते खोले गए और १९ अगस्त २०२० तक कुल जन-धन खातों की संख्या ४०.३५ करोड़ से अधिक थी.
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