सोवरीन गोल्ड बॉन्ड Sovereign Gold Bond : एक अच्छे निवेश की संधि

Labharthi Corner

सोवरीन गोल्ड बॉन्ड Sovereign Gold Bond : एक अच्छे निवेश की संधि  

M Y Team दी. २९ अगस्त २०२०

सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना की इस सालकी छठी और आखिरी सीरीज सोमवार ३१  अगस्त निवेश के लिए खुल रही है। इसमें ३१  अगस्त से ४  सितम्बर तक सरकारी गोल्ड बॉन्ड में निवेश किया जा सकेगा। ख़ास बात यह है कि इस बार सरकार पिछली बार से भी सस्ता सोना बेच रही है। इसके बार इस योजना के तहत प्रति ग्राम सोने की कीमत ५११७  रुपए तय की गई है। जो लोग इनके लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान करेंगे, उन्हें प्रति ग्राम ५०  रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। याने डिजिटल पेमेंट करनेवालोंको यह बॉन्ड  की कीमत सिर्फ ५०६७ ही देनी पड़ेगी. इससे पहले ३  से ७  अगस्त को खुली पांचवीं सीरीज में प्रति ग्राम सोने की कीमत ५३३४  रुपए रखी गई थी।

गोल्ड बॉन्ड क्या है ?

–  सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बांड  है। ये बॉन्ड सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड जारी किए जाते हैं। इसे डीमैट रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है। इसका मूल्य रुपए या डॉलर में नहीं होता है, बल्कि सोने के वजन में होता है। यदि बॉन्ड पांच ग्राम सोने का है, तो पांच ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी। इसे खरीदने के लिए सेबी के अधिकृत ब्रोकर को इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है। बॉन्ड को भुनाते वक्त पैसा निवेशक के खाते में जमा हो जाता है। यह बॉन्ड भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सरकार की ओर से जारी करता है। आरबीआई के अनुसार बॉन्ड की कीमत ९९९  शुद्धता वाले सोने के लिए पिछले ३  वर्किंग डेज में साधारण औसत बंद भाव (इंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिशन द्वारा प्रकाशित) मूल्य पर आधारित है बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड ८  साल का है। लेकिन निवेशकों को ५  साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। यानी आप ५  साल के बाद इसे बेचकर अपना पैसा ले सकते हैं

गोल्ड बॉन्ड के फायदे क्या है ?

–  सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल २.५०  फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है। यह पैसा हर ६  महीने में अपने आप आपने खाते में पहुंच जाता है। हर छह महीने पर मिलने वाले इस ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं लगता है।

– एनएसई के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार सॉवरेन ८  साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद इससे होने वाले लाभ पर ( Capital Gain ) कोई टैक्स नहीं लगता।

– सोने की खरीदी की यह है लिमिट इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति एक वित्त वर्षमें न्यूनतम एक ग्राम और अधिकतम चार किलोग्राम का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। एक वित्त वर्ष में अविभाजित हिन्दू परिवार भी अधिकतम चार किलोग्राम और ट्रस्ट २०  किलोग्राम तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है।

– एनएसई के मुताबिक लोन लेने के दौरान कॉलेटरल के रूप में भी इन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा ये बांड आप एनएसई पर ट्रेड भी कर सकते हैं। बॉन्ड  की कीमत में होने वाले उतार चढाव के अनुसार आपको मुनाफ़ा मिलेगा I

– इस बॉन्ड  की खरीदी या इस योजनामे निवेश आप कमर्शियल बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन, डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई द्वारा कर सकते है तथा बेच सकते है।

– सोने की शुद्धता और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में शुद्धता की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुताबिक गोल्ड बांड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीरेए) द्वारा प्रकाशित २४  कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। इसके साथ ही इसे डीमैट रूप में रखा जा सकता है, जो काफी सुरक्षित है और उस पर कोई खर्च भी नहीं होता है।

– सोने की कीमतों में उतार चढ़ाव हमेशा जारी रहता है। १०  ग्राम सोने का भाव ५४  हजार रुपए का स्‍तर क्रॉस करने के बाद फिर ५१  हजार पर आ गया है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमत ५०  हजार से नीचे नहीं आएगी।  इसमे यह एक निवेश का सुरक्षित पर्याय है I

– निवेश के एक्‍सपर्ट के मुताबिक फिजिकल गोल्ड कई लिहाज से फायदेमंद है। सबसे पहले तो आपको फिजिकल गोल्ड की तरह गोल्ड बॉन्ड की सुरक्षा और गुणवत्ता की चिंता करने की जरूरत नहीं होती है। दूसरी बात आपको गोल्ड बॉन्ड को रखने के लिए लॉकर लेने और उसपर अलग से खर्च करने की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा आपको २.५  फीसद सालाना की दर से ब्याज भी मिलता है। यह व्याज आपके बैंक खातेमे हर छह महिनेमे अपने आप जमा होता हैI
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