पुरे साल के टारगेट का ४५ प्रतिशत काम कोरोना लोकडाउनमें पहले ८३ दिनों में पूरा हो गया वर्ष २०-२१ में १८ करोड़ श्रम दिवस के सृजन का है लक्ष्य
दैनिक भास्कर Jul 14, 2020, 07:32 AM IST
पटना. बिहार में सिर्फ ८३ दिनों के भीतर मनरेगा योजना में इस वर्ष के लक्ष्य का ४५ प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो गया है। वर्ष २०२०-२१ में १८ करोड़ श्रम दिवस सृजित कर लोगों को रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य है। लॉकडाउन के दौरान २० अप्रैल से बिहार में मनरेगा योजना के जरिए निर्माण कार्यों की शुरुआत हुई। उस समय से लेकर १२ जुलाई तक ८ करोड़ १० लाख ५३ हजार ९२ मानव श्रम दिवस का सृजन हुआ है। वहीं वर्ष २०१९-२० में पूरे साल के दौरान १६ करोड़ लक्ष्य की तुलना में १४ करोड़ १३ लाख श्रम दिवस का सृजन हुआ था।
राज्य में माह जून, २०२० तक मानव दिवस सृजन का जो लक्ष्य ग्रामीण विकास विभाग ने निर्धारित किया था, उसकी ९७ प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर ली गई है। लॉकडाउन की अवधि से अब तक प्रतिदिन औसतन ९ लाख ७६ हजार मानव दिवस सृजित हुए हैं। वैसे हाल के दिनों में मनरेगा योजना में प्रतिदिन १३ लाख से अधिक श्रमिकों को काम मिल रहा है। वर्ष २०२०-२१ में अबतक ११ लाख ९३ हजार ७९५ श्रमिकों के लिए ९ लाख ४० हजार ६२३ नए जॉब कार्ड जारी किया गया है। इसमें कॉम्पमें बनाए गए जॉब कार्ड की संख्या २ लाख २२ हजार ९३९ है।
२० अप्रैल से अबतक हुआ 8 करोड़ से अधिक श्रम दिवस का सृजन : पिछले वर्ष हुआ था १४ करोड़ १३ लाख श्रम दिवस का सृजन
बिहार को मिल सकते हैं ७७५ करोड़ रुपए अतिरिक्त
- १६ करोड़ २० लाख मानव श्रम दिवस पूरे हो जाने पर बिहार के सालाना लक्ष्य में 4 करोड़ अतिरिक्त मानव दिवस की बढ़ोतरी हो जाएगी।
- अभी १८ करोड़ श्रम दिवस के हिसाब से राज्य को केंद्र से मजदूरी के भुगतान के लिए ३४८८ करोड़ रुपए मिले हैं।
- सालाना लक्ष्य का ९० प्रतिशत पूरा हो जाने के बाद केंद्र चार करोड़ मानव दिवस के लिए बिहार को और ७७५ करोड़ रुपए देगा।
- राज्य में मनरेगा के तहत श्रमिकों को प्रतिदिन १९३.७९ रुपए मजदूरी दी जाती है।
जून के काम के आधार पर जिलों की ग्रेडिंग में किशनगंज सबसे आगे
जून में मनरेगा योजना में हुए काम के आधार पर जिलों की ग्रेडिंग की गई है। इतने सर्वाधिक ६०.८७ अंक किशनगंज को मिले, जबकि खगड़िया को सबसे कम ४१.१७ अंक मिले। विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि के लिए निर्धारित १०० अंकों के वेटेज में राज्य का औसत वेटेज अंक ५३.४५ है। १४ जिलों ने राज्य औसत से अधिक वेटेज अंक प्राप्त किया है, जबकि २४ जिले औसत अंक से नीचे रहे। शेखपुरा को ५९.८२ अंक, औरंगाबाद को ५९.३९ अंक और वैशाली को ५९.२४ अंक प्राप्त हुए।
अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराने का प्रयास : श्रवण कुमार
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राज्य में विभाग के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार सृजन कर ग्रामीण बेरोजगारों और प्रवासी श्रमिकों को काम दिया जा रहा है। प्रत्येक काम करने के इच्छुक ग्रामीण परिवार के व्यक्तियों को जॉब-कार्ड की उपलब्ध करा कर उन्हें काम देने का प्रयास किया जा रहा है।
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