Development News विकास वार्ता
UP के डिफेंस कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर अन्य कई वस्तुओंका होंगा विनिर्माण- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.
M Y Team दिनांक १८ जून २०२३
उत्तर प्रदेश में तेजी से विकसित हो रहे डिफेंस कॉरिडोर में मिसाइल से लेकर नटबोल्ट का निर्माण किया जाएगा। बड़े निवेश के साथ ही यह रोजगार का भी प्रमुख केंद्र होगा।
रक्षा उपकरणों का आयातक रहा भारत अब जल्द ही दुनिया के नक्शे में अपने अलग स्थान बनाने जा रहा है। केंद्र डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रही है। इसके तहत उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और तमिलनाडु(Tamilnadu) में डिफेंस कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी में बन रहे उत्तर प्रदेश सरकारके रक्षा औद्योगिक गलियारा (Defence Corridor ) को लेकर अहम घोषणा की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा में नट-बोल्ट से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल तक का विनिर्माण होगा।
रक्षा क्षेत्र में निवेश का केंद्र बनेगा यूपी
राजनाथ सिंह ने यहां आत्मनिर्भर भारत पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “हमने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारा के जरिए रक्षा विनिर्माण के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार किया है। यूपीडीआईसी के बारे में मुझे बताया गया है कि इस गलियारे के लिए करीब 1,700 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की योजना है, जिसमें से 95 प्रतिशत से अधिक भूमि का पहले ही अधिग्रहण किया जा चुका है।” उन्होंने कहा कि इनमें से 36 उद्योगों और संस्थानों को करीब 600 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई है और 16,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के अनुमानित निवेश के साथ 109 सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
मिसाइल से लेकर नटबोल्टतक का होगा निर्माण
रक्षा मंत्री ने कहा कि अभी तक करीब 2,500 करोड़ रुपये का कुल निवेश विभिन्न इकाइयों द्वारा यूपीडीआईसी में किया गया है। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां केवल नट-बोल्ट या कलपुर्जों का विनिर्माण नहीं किया जाएगा, बल्कि ड्रोन/ यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, विमान और ब्रह्मोस मिसाइलों के भी विनिर्माण और उन्हें तैयार करने का काम भी किया जाएगा।” यूपीडीआईसीकी एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसके जरिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर भारतीय रक्षा क्षेत्र की निर्भरता घटाने का इरादा है। अलीगढ़ में 11 अगस्त, 2018 को एक कार्यक्रम में रक्षा उत्पादन में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक निवेश की घोषणा के साथ इस परियोजना की शुरुआत हुई थी।