कोविड-19 से भारत को हुए नुकसान की भरपाई पर IMF ने कही ये बड़ी बात, जानें लेटेस्ट अनुमान

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कोविड-19 से भारत को हुए नुकसान की भरपाई पर IMF ने कही ये बड़ी बात, जानें लेटेस्ट अनुमान

IMF opinion on Indian Economy 2021: आईएमएफ की उप-मुख्य अर्थशास्त्री पेट्या कोवा ब्रुक्स ने कहा कि हम इस वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 12.5 की अनुमानित विकास दर (Indian Economy 2021) के अनुमान को देखकर बहुत खुश हैं

IMF opinion on Indian Economy 2021: कोविड-19 (Covid-19) महामारी की वजह से इकोनॉमी (Economy) में आने वाले गिरावट की ‘भरपाई’ के लिए भारत को ज्यादा तेज इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic growth) दर्ज करनी होगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने यह राय जताई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, चालू वर्ष में भारत की विकास दर (GDP of India) प्रभावशाली 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. आईएमएफस की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में आठ प्रतिशत की बड़ी गिरावट से उबरने के लिए भारत को कहीं ज्यदा तेज बढ़ोतरी दर्ज करने की जरूरत होगी.

अतिरिक्त आर्थिक प्रोत्साहन की है जरूरत (Additional economic stimulus is needed) 
खबर के मुताबिक, आईएमएफ की उप-मुख्य अर्थशास्त्री पेट्या कोवा ब्रुक्स (Petya Kova Brooks, Deputy Chief Economist at the IMF) ने महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए अतिरिक्त आर्थिक प्रोत्साहन की भी वकालत की. उन्होंने कहा कि जब भारत की बात आती है, तो पिछले वित्त वर्ष में उत्पादन में बड़ी गिरावट आई थी. जैसा आप बता रहे हैं कि यह गिरावट आठ प्रतिशत है.

अनुमानित विकास दर के अनुमान आईएमएफ है खुश (IMF is happy with the estimated growth rate of India)
ब्रुक्स ने कहा कि हम इस वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 12.5 की अनुमानित विकास दर (Indian Economy 2021) के अनुमान को देखकर बहुत खुश हैं और हम पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (PMI) सहित उच्च आवृत्ति संकेतक (High frequency indicator) भी देख रहे हैं. इनसे पता चलता है कि इस साल की पहली तिमाही में लगातार सुधार जारी है.

स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन से सुधार के रास्ते में कुछ जोखिम (Some risks on the way to recovery from local lockdown) 

ब्रुक्स ने कहा कि महामारी के नए प्रकार के बीच स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन से सुधार के रास्ते में कुछ जोखिम है. उन्होंने कहा कि जहां तक रिवाइवल की बात है, तो हम यह तुलना करते हैं कि अगर संकट नहीं होता, तो 2024 में उत्पादन का स्तर क्या रहता. फिर हम मौजूदा वृद्धि के रुख को देखते हैं, तो यह अंतर काफी बड़ा नजर आता है. उन्होंने कहा कि आठ प्रतिशत का यह अंतर पूरी दुनिया की तुलना में उल्लेखनीय रूप से कहीं बड़ा है. ब्रुक्स ने कहा कि पूरी दुनिया के लिए यह अंतर करीब तीन प्रतिशत है.

भारत सरकार ने कई कदम उठाए (Government of India took many steps) 

आईएमएफ की अधिकारी ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 संकट से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. सरकर ने नीतिगत मोर्चे पर पहल की है. राजकोषीय समर्थन दिया, मौद्रिक रुख को नरम किया है, तरलता के लिए कदम उठाए हैं और नियामकीय उपाय भी किए हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत समन्वित नीतिगत प्रक्रिया की है. इसी के जरिये अर्थव्यवस्था को दीर्घावधि के नुकसान से बचाया जा सकता है. ब्रुक्स ने कहा कि छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों तथा कमजोर परिवारों को मदद उपलब्ध कराना सबसे महत्वपूर्ण ह्रै. उन्होंने कहा कि आईएमएफ भारत द्वारा बजट में की गई घोषणाओं का स्वागत करता है. बजट में स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर खर्च पर जोर दिया गया है, जो अच्छा है.

सौजन्य : zeebiz.com

https://www.zeebiz.com/hindi/economy/imf-opinion-on-indian-economy-2021-india-will-have-to-register-faster-growth-to-compensate-for-loss-from-covid-19-46198

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