वित्त मंत्रालयने बैंकोंको विलफुल डिफॉल्टर्स के उपर सख्तीसे कार्रवाई करेनेके दिए आदेश

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वित्त मंत्रालयने बैंकोंको विलफुल डिफॉल्टर्स के उपर सख्तीसे कार्रवाई करेनेके दिए आदेश

M Y Team दिनांक ९ जुलाई २०२३  

बैंकों ने वित्त वर्ष 2021-22 तक छह साल के दौरान 11.17 लाख करोड़ रुपये की गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) को बट्टे खाते में डाला है। एनपीए को बट्टे खाते में डालने से संबंधित कर्ज बैंक के बहीखाते से हट जाता है।

विलफुल डिफॉल्टर्स (willful defaulters) का मसला बैंकों के लिए सिरदर्द जैसा बनता जा रहा है। ​कुछ समय पहले रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को जानबूझ कर पैसा न लौटाने वाले वि​लफुल डिफॉल्टर्स को एक और मौका देते हुए उनके साथ सैटलमेंट के लिए कहा था। जिस पर बैंकों ने भी आपत्ति की थी। अब वित्त मंत्रालयने ताजा निर्देश जारी करते हुए बैंकों से डूबे कर्ज में कमी लाने के लिए बैंकोंसे विलफुल डिफॉल्टर्स पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए कहा है। वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकोंसे वृद्धि की रफ्तार को बढ़ाने के लिए कदम उठाने को भी कहा है।

HDFC बैंक के विलय से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा 

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ हाल में हुई बैठक में वित्त मंत्रीने बैंक प्रमुखोंसे जोखिम प्रबंधन गतिविधियां मजबूत करने और साइबर सुरक्षा जोखिमोंको कम करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। बैठक में यह बात उभरकर आई कि एचडीएफसी लि. के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्रके बैंकों के लिए बँकिंग बिजनेसको लेकर स्पर्धा बढ़ेगी। इसके अलावा बैंकों के लिए चिंता का एक और क्षेत्र ऊंची ब्याज दरों की वजह से शुद्ध ब्याज मार्जिनपर आया हुआ दबाव है। इसी लिए वित्त मंत्रीने बैंकों को अधिक प्राप्तिवाली अग्रिम श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।

सौजन्य- इंडिया टिव्ही न्यूज

https://www.indiatv.in/paisa/business/sitharaman-said-public-banks-should-act-fast-on-frauds-willful-defaulters-2023-07-09-973342

 

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