AZIM PREMJI अझीम प्रेमजी

Great Indians- महान भारतीय

AZIM PREMJI अझीम प्रेमजी

M Y Team दिनांक ४ मार्च २०२२

श्री अझिम हशिम प्रेमजी वर्त्तमान समयके महान भारतीय व्यक्तियोमेसे एक अग्रणी व्यक्ति है. आप एक बहुत यशस्वी उद्योजक होने के साथ साथ बहुत बड़े देशसेवक भी है. आपने विप्रो कम्पनी स्थापित की और आप उसके संस्थापक चेअरमन है. आपके उद्योजकता का गहरा परिचय इस बातसे होता है की खाद्य तेल उत्पादन करने वाले आपके परिवारकी वेस्टर्न इंडिया व्हेजिटेबल प्रोडक्ट लीमिटेड ( विप्रो )  इस कंपनी को आपने समय के साथ बदल दिया और  पुरे विश्व की बड़ी सॉफ्टवेअर कम्पनी में से एक कम्पनी बना दिया. आपका जन्मदिन २४ जुलै १९४५ है. आपने स्टेनफोर्ड विश्व विद्यालयसे  इलेक्ट्रीकल इन्जिनीरिंग की शिक्षा ली है. आप जाब २१ सालके थे तभी आपके पिताजी का स्वर्गवास हो गया फिर उन्होने अपने देश वापस लौटके अपने बिझनेस कि कमान सम्हाल ली और उसे एक सोफ्टवेअर जायंट बना दिया .

श्री प्रेमजी पहले भारतीय है जिन्होंने द गिव्हिंग प्लेज ( The Giving Pledge ) पर दस्तखत करके उसे स्वीकार किया है.  विश्वविख्यात निवेशक श्री वारन बफे, श्री बिल गेट जैसे आमिर उद्योजकोने यह प्लेज बनायी है जिसमे अपने संपत्तिका विनियोग सर्व सामान्य समाजकी कल्याण में लगानेकी शपथ ली जाती है. श्री प्रेमजीने २०१३ में ही घोषित किया था की उनकी नीजी संपत्तिका २५ प्रतिशत रकम उन्होंने समाजकल्याण के लिए अपने अझिम प्रेमजी फौंडेशनको दिया है. उसके बाद भी आप हर वर्ष अपनी कमाईका बड़ा हिस्सा समाज सेवा के लिए दे देते है. हाल ही में उन्होंने  आर्थिक वर्ष २०१८-१९ में ४५३ करोड़, आर्थिक वर्ष २०१९-२० में ७९०४ करोड़, आर्थिक वर्ष २०२०-२१ में ९७१३ करोड़ समाज सेवा के लिए दिए है. अपने कर्तुत्वसे अमिर होने वाले बहुत है मगर अमिर होने के बाद अपने समाज के लिए अपनी बहुतांश संपत्ति देना बहुत बड़ी बात है. अझिम प्रेमजी फ़ौंडेशन शिक्षा के क्षेत्रमे जादातर सामाजिक काम किया जाता है. श्री प्रेमजी को बहुत सारे सम्मानोसे नवाजा गया है. उन्हें भारत के उच्च सम्मान “पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा आपको टाइम, एशियावीक जैसे आंतरराष्ट्रीय मेगेझीनने भी गौरवान्कीत किया है.

अपने कौशल्यसे कमाये हुये पैसेका उपयोग खुद्के लिये और खुदके परिवारके ऐशो आराम के लिये सभी उद्योजक करते है.  मगर खुदने कमाये हुए पैसोन्का बहुत बडा हिस्सा  समाजसेवा के लिये देने वाले यशस्वी बिझनेसमेन बहुत ही कम मिलेंगे,  इसीलिये हम उन्हे महान भारतीय कहते है.

 

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