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अब आम आदमी भी कर सकता है गवर्नमेंट सिक्युरिटीमें निवेश. मोदीजीने लॉन्च कि रिजर्व बैंक की रिटेल डायरेक्ट स्कीम
M Y Team दिनांक १२ नोव्हेंबर २०२१
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने १२ नोव्हेंबर शुक्रवार को रिजर्व बैंक की दो कंज्यूमर सेंट्रिक योजनाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) भी मौजूद थे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की दो अभिनव उपभोक्ता केंद्रित पहल… खुदरा प्रत्यक्ष योजना याने रिटेल डायरेक्ट स्कीम और केंद्रीय एकीकृत लोकपाल योजना I प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजनाओं से निवेश का दायरा बढ़ेगा और ग्राहक शिकायत समाधान प्रणाली को बेहतर किया जा सकेगा।
रिटेल डायरेक्ट स्कीम की तहत गवर्मेंट सिक्युरिटीज (Government Securities) की खरीदारी अब आम आदमी भी आसानी से कर सकेंगे। यह स्कीम रिटेल निवेशकों के लिए है।
रिटेल निवेशक इसके जरिए सरकारी बॉण्ड्स को ऑन लाइन खरीद और बेच सकते हैं। इस स्कीम को फरवरी 2021 की मॉनिटरी पॉलिसी में घोषित किया गया था। सरकारी सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने के लिए सीधे rbiretaildirect.org.in पर जाना होगा।
रिटेल डायरेक्ट स्कीम की विशेषता
रिजर्व बैंक की रिटेल डायरेक्ट स्कीम रिटेल निवेशकों को सरकारी सिक्योरिटीज (जी-सेक) ऑन लाइन प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों बाजारों से खरीदने की अनुमति देती है। छोटे निवेशक अब इसके जरिए एक गिल्ट सिक्योरिटीज अकाउंट खोलकर सरकारी बॉण्ड्स में कारोबार कर सकते हैं। यह अकाउंट रिजर्व बैंक के साथ खोलना होगा। इस अकाउंट को रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (RDG) अकाउंट बोला जाएगा। यह सेवा नि:शुल्क होगी। इस योजना की शुरुआत के साथ भारत कुछ चुनिंदा देशों में आ गया है, जहां इस तरह की सुविधा उपलब्ध है।
RDG अकाउंट कौन खोल सकते हैं
RBI के 12 जुलाई 2021 के नोटिफिकेशन के अनुसार, एक रिटेल निवेशक RDG अकाउंट खोल सकता है। इसके लिए उसे कुछ नियमों का पालन करना होगा। भारत में रूपी सेविंग बैंक अकाउंट को मेंटेन करना होगा। इनकम टैक्स का पैन कार्ड होना चाहिए। आधार, वोटर ID या कोई ऑफिशियल डॉक्यूमेंट KYC के लिए जरूरी होगा। एक ईमेल ID और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी देना होगा। RDG अकाउंट खुद के नाम पर या फिर किसी और रिटेल निवेशक के साथ ज्वॉइंट में खोल सकते हैं। पर दूसरे निवेशक को भी सभी नियमों का पालन करना होगा।
ऑन लाइन पोर्टल पर कैसे रजिस्टर करें
निवेशक ऑन लाइन फॉर्म भरकर पोर्टल पर रजिस्टर कर सकता है। इसके लिए उसे ईमेल और मोबाइल फोन पर वन टाइम पासवर्ड (OTP) मिलेगा। रजिस्ट्रेशन के बाद रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट खुल जाएगा और SMS या ईमेल के जरिए इसको खोलने के लिए सारे पासवर्ड दिए जाएंगे।
प्राइमरी मार्केट से खरीद सकते हैं सिक्योरिटीज
जब खाता खुल जाएगा तो रिटेल निवेशक सरकारी सिक्योरिटीज को प्राइमरी मार्केट से खरीद सकता है। वह तभी खरीद पाएगा जब सरकार कोई बॉण्ड्स जारी करेगी। फिर निवेशक इस बॉण्ड्स को सेकेंडरी मार्केट में बेच या फिर खरीद सकता है। एक बॉण्ड्स के लिए केवल एक ही बिड को मंजूरी मिलेगी। जब निवेशक सिक्योरिटीज को खरीद कर बिड जमा करेगा तब उसे उसका पूरा पैसा बताया जाएगा। इस पेमेंट को UPI या नेट बैंकिंग के जरिए कर सकते हैं।
अकाउंट के लिए कोई चार्ज नहीं लगेगा
रिजर्व बैंक के अनुसार, RDG अकाउंट के लिए कोई चार्ज नहीं लगेगा। न तो ओपनिंग चार्ज और न ही इसे मेंटेन करने का कोई चार्ज होगा। हालांकि गेटवे पेमेंट का अगर कोई चार्ज होगा तो निवेशक को ही वो चार्ज देना होगा। ऑन लाइन पोर्टल से आप अकाउंट स्टेटमेंट ले सकते हैं। ट्रांजेक्शन का सभी रिकॉर्ड भी आपको मिलेगा। आपके अकाउंट में कितनी सिक्योरिटीज है, वह भी आप देख सकते हैं। अधिकतम दो नॉमिनी भी आप रख सकते हैं। यानी अगर किसी दुर्घटनावश ग्राहक की मौत हो जाती है तो सिक्योरिटीज नॉमिनी को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके लिए आपको मृत्यु का प्रमाणपत्र और ट्रांसमिशन फॉर्म देना होगा।
लोन भी ले सकते हैं
रिटेल निवेशक सिक्योरिटीज के सामने RDG अकाउंट से लोन भी ले सकता है। आप चाहें तो किसी और रिटेल निवेशक को यह सिक्योरिटीज गिफ्ट में भी दे सकते हैं। इससे जुड़ी कोई भी शिकायत पोर्टल पर ही कर सकते हैं। इसका ऑफिस मुंबई में होगा। भारत में यह पहली बार है जब रिटेल निवेशकों के लिए यह ऑप्शन दिया गया है कि वे आसानी से और डायरेक्ट सरकारी सिक्योरिटीज को खरीद सकें। सरकारी सिक्योरिटीज में इक्विटी और असेट्स की तुलना में कम जोखिम और कम रिटर्न होता है।
शिकायत समाधाान प्रणाली बेहतर करने वाली एकीकृत लोकपाल योजना
रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस) का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इसका मकसद शिकायत समाधान प्रणाली को और बेहतर करना है। इससे केंद्रीय बैंक के नियमन के तहत आने वाली इकाइयों के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों का समाधान बेहतर तरीके से हो सकेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस योजना से ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ की अवधारणा वास्तविकता बन गई है।’ इसके तहत एक पोर्टल, एक ई-मेल और एक पता होगा, जहां ग्राहक अपनी शिकायतें दायर कर सकते हैं। ग्राहक एक ही स्थान पर अपनी शिकायत दे सकते हैं, दस्तावेज जमा कर सकते हैं, अपनी शिकायतों-दस्तावेजों की स्थिति जान सकते हैं और सुझाव दे सकते हैं। ऐसी शिकायतें जो लोकपाल योजना के तहत नहीं आती हैं, उनकी सुनवाई उपभोक्ता शिक्षा एवं संरक्षण प्रकोष्ठ (सीईपीसी) द्वारा की जाएगी। ये प्रकोष्ठ रिजर्व बैंक के 30 क्षेत्रीय कार्यालयों में स्थित हैं। रिजर्व बैंक ने हाल के समय में उपभोक्ता शिकायत निपटान प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने आंतरिक लोकपाल को मजबूत करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, ग्रेडेड नियामकीय और निगरानी कार्रवाई शुरू की है। इसके अलावा 2019 में केंद्रीय बैंक ने शिकायत प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) की शुरुआत की थी। रिजर्व बैंक की वैकल्पिक शिकायत समाधान व्यवस्था में फिलहाल तीन लोकपाल योजनाएं….बैंकिंग लोकपाल योजना (1995 में शुरू), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना (2018) और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (2019) शामिल हैं।