मिलेट उत्पादनके लिए जम्मू कशमीर प्रशासन की बड़ी पहल. किसानों को फ्री में मिलेगी मिलेट की बीज.

News & Updates- ताजा खबरे

मिलेट उत्पादनके लिए जम्मू कशमीर प्रशासन की बड़ी पहल. किसानों को फ्री में मिलेगी मिलेट की बीज.

M Y Team– दिनांक २५ अप्रैल २०२३

Millet Cultivation: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में 8,000 हेक्टेयर भूमि पर पारंपरिक मोटे अनाज (Millets) की फसलों की खेती को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा है. यह प्रक्रिया जम्मू क्षेत्र के 10 जिलों में किसानों को 100% सब्सिडी के साथ मोटे अनाज की सात किस्मों के बीज उपलब्ध कराकर शुरू की जाएगी. इस साल फरवरी में प्रशासन ने इस केंद्र शासित प्रदेश में मोटे अनाज के उत्पादन और खपत को बढ़ाने के अलावा पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए 15 करोड़ रुपये की परियोजना को भी मंजूरी दी थी.

8 हजार हेक्टेयर में होगी मोटे अनाज की खेती

अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य लगभग 8,000 हेक्टेयर भूमि में पारंपरिक मोटे अनाज खेती को पुनर्जीवित करना और प्रति हेक्टेयर उत्पादकता को 10 से बढ़ाकर 20 क्विंटल तक दोगुना करना है.

100% सब्सिडी पर किसानों को मिलेंगे बीज

कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने कहा कि तीन साल की अवधि में लागू की जाने वाली परियोजना का उद्देश्य मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देना, उनका वैल्यू एडिशन करना और किसानों के लिए उद्यमशीलता के अवसर पैदा करना है. परियोजना के हिस्से के रूप में कृषि विभाग ने मोटा अनाज उगाने के लिए 1,400 हेक्टेयर क्षेत्र निर्धारित किया है और किसानों को 100% सब्सिडी के साथ बीज उपलब्ध कराया जा रहा है.

कृषि (लागत) विभाग के संयुक्त निदेशक, ए एस रीन ने कहा, 2023 मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष है. जम्मू संभाग के 10 जिलों में कृषि विभाग ने मोटे अनाज के उत्पादन के लिए 1,400 हेक्टेयर क्षेत्र निर्धारित किया है. हमारे पास मोटे अनाज की सात अलग-अलग किस्में हैं. हम किसानों को लगभग 100 फीसदी सब्सिडी पर बीज उपलब्ध कराने जा रहे हैं

मोटे अनाज वाले रेस्तरां शुरू करने पर 2 लाख रुपये की सब्सिडी

रीन ने कहा कि अगर कोई किसान छोटा प्रोसेसिंग प्लांट शुरू करना चाहता है, तो सरकार 4 से 5.25 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा, हम मोटे अनाज वाले रेस्तरां को भी बढ़ावा दे रहे हैं और मोटा अनाज आधारित भोजन पेश करने के लिए उन्हें 2 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रहे हैं.

मोटा अनाज को जलवायु परिवर्तन के प्रति सहिष्णुपन के कारण चमत्कारिक अनाज या भविष्य की फसल के रूप में जाना जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत सरकार के एक अनुरोध के बाद मोटे अनाज (Millets) के स्वास्थ्य लाभ और टिकाऊ उत्पादन और खपत के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ घोषित किया है. डुल्लू ने कहा कि सरकार कृषक समुदाय के बीच मोटे अनाज के बारे में जागरूकता पैदा करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है.

सौजन्य- झीबिझ

https://www.zeebiz.com/hindi/economy/agriculture/jammu-and-kashmir-government-to-revive-traditional-millet-cultivation-on-8000-hectares-of-land-126599

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *