भारतकी अर्थव्यवस्था इस वित्तीय वर्षमे दुनिया में सबसे तेजी से बढ़नेवाली अर्थव्यवस्था बनेगी

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भारतकी अर्थव्यवस्था इस वित्तीय वर्षमे दुनिया में सबसे तेजी से बढ़नेवाली अर्थव्यवस्था बनेगी

M Y Team दिनांक १४ जनवरी २०२२

विश्व बैंक  दुनियाके सभी देशोंके अर्थव्यव्स्थाओंके बारेमे अपने मासिक और त्रिमासिक  बुलेटिन जारी करती है I हालही में बैंकने जारी किये बुलेटिन में बैंकने भारतकी अर्थ व्यवस्था के बारेमे अपने अंदाज प्रकाशित किये है I उस अनुमानोंसे यह साफ़ होता है की कोरोना की तीसरी लहर के बावजूद भारतकी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़नेवाली अर्थव्यवस्था रहेगी I विश्व बैंक ने यह अनुमान दिए है की चालू वित्त वर्ष २०२१-२२ में भारतकी अर्थव्यवस्था ८.३% की दरसे बढ़ेगी I यानेकी वित्तवर्ष २०२१-२२ में भारतके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ८.३% की दर से ग्रोथ हो सकती है। बैंक ने अनुमान लगाया है की वित्तवर्ष २०२२-२३ में भारतकी अर्थव्यवस्था ८.७% की दर से बढ़ेगी। 7 महीने पहले इसने 10.01% की बढ़त का अंदाजा लगाया था।

विश्व बैंक के मुताबिक, पूरी दुनिया की GDP इस साल में 5.5% की दर से जबकि अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के दौरान यह 4.1% की दर से बढ़ सकती है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था इसी दौरान 5.6 और 3.7% से जबकि चीन की इकोनॉमी 8 और 5.1% की रफ्तार से बढ़ेगी। इसी तरह से जापान की इकोनॉमी 2021-22 में 1.7 और 2022-23 में 2.9% की दर से बढ़ने का अनुमान है। जबकि रूस की अर्थव्यवस्था 4.3 और 2.4% की दर से बढ़ सकती है। भारत की GDP चालू वित्तवर्ष में 8.3% और अगले साल में 8.7% की दर से बढ़ने का अनुमान है।

विश्व बैंक ने कहा कि मोदी सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम से देश की इकोनॉमी को बढ़ने में मदद मिलेगी। इस स्कीम के तहत पांच सालों में 13 सेक्टर के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपए की मदद मिलेगी। इसके प्रमुख सेक्टर में टेलीकॉम, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्ट, फार्मा और सोलर एनर्जी आदि हैं। इससे पांच सालों में 520 अरब डॉलर का प्रोडक्शन होगा। भारत की GDP उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं जैसे चीन, इंडोनेशिया और बांग्लादेश की तुलना में कई गुना बढ़ेगी। चीन की GDP 5.1%, इंडोनेशिया की 5.2 और बांग्लादेश की 6.4% की दर से बढ़ सकती है।

इसी बारेमे संयुक्त राष्ट्र ने भारतके GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% का लगाया है। इसका पहले का अंदाजा 8.4% था, जो इसने 2021 में कहा था। इसने कहा कि देश में तेजी से हो रहे वैक्सीनेशन प्रोग्रेस के बावजूद कोयले की कमी और तेल की ऊंची कीमतें इकोनॉमी गतिविधियों पर निकट समय में रोक लगा सकती हैं।

अन्य एक ग्लोबल फर्म ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में GDP 7.9% की दर से बढ़ सकती है। इसका पहले का अनुमान 7.8% का था। अंदाजा में बदलाव इसलिए है क्योंकि कोविड वैक्सीनेशन तेजी से और इससे रिकवरी हो सकती है। इसने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि तीसरी लहर का इकोनॉमी पर कम असर होगा।

इससे पहले, भारत सरकार ने कहा था कि 2021-22 के दौरान इकोनॉमी में 9.2% की दर से बढ़त हो सकती है। शुक्रवार को जारी आंकड़ों में कहा गया कि 2020-21 में 7.3% की गिरावट की तुलना में इस बार अच्छी ग्रोथ दिखेगी। इसका अंदाजा पिछले 17 सालों में सबसे ज्यादा है।

विदेशी ब्रोकरेज हाउस UBS ने कहा है कि ओमिक्रॉन के इंफेक्शन और संपूर्ण इकोनॉमी एक्टिविटी पर मार्च तिमाही में असर दिखेगा। स्विस ब्रोकरेज हाउस UBS सिक्योरिटीज ने अपने अनुमानों में कमी की है। पहले इसने 9.5% की बढ़त की बात कही थी, जिसे घटाकर अब 9.1% कर दिया है। हालांकि यह तीसरी लहर का बहुत ज्यादा असर अगले वित्तवर्ष में नहीं देख रहा है।

विदेशी बैंक सिटी ग्रुप ने कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर GDP की ग्रोथ में 0.8% की कमी की है। इसने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था 9% की दर से बढ़ सकती है। पहले इसका अनुमान 9.80% का था। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपनी जारी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस वित्तवर्ष और अगले वित्तवर्ष के दौरान GDP की ग्रोथ 9% रह सकती है।

बैंक ऑफ अमेरिका ने खपत और मांग पर कोरोना की तीसरी लहर का असर होने का अनुमान लगाया है। यही दोनों पिछले कुछ सालों से ग्रोथ के मुख्य ड्राइवर रहे हैं। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 9.5% की दर से GDP की ग्रोथ की बात कही है। इसका मानना है कि तीसरी लहर का बहुत ज्यादा असर इकोनॉमी पर नहीं दिखेगा।

RBI ने दिसंबर में अपनी मॉनिटरी पॉलिसी के दौरान कहा था कि देश की GDP 9.5% की दर से बढ़ सकती है। इससे पहले 2020-21 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में -7.3% की दर से गिरावट दिखी थी। यह पिछले 40 सालों के दौरान सबसे कम ग्रोथ रही। इससे पहले 1979-80 में -5.2% की ग्रोथ दर्ज की गई थी।

7 महीने पहले जो अनुमान GDP की ग्रोथ को लेकर लगाया गया था, उसमें सभी ने तीसरी लहर की वजह से कमी कर दी है। उदाहरण के तौर पर RBI ने 10.5% से घटाकर 9.5, विश्वबैंक ने 10.1% से घटाकर 8.3% कर दिया है। UBS ने 11.5 से घटाकर 9.1% और सिटी ने 12.5 से घटाकर 9% कर दिया है।

सौजन्य- दैनिक भास्कर

https://www.bhaskar.com/business/news/the-countrys-gdp-will-grow-the-fastest-in-the-world-gross-domestic-product-india-japan-china-gross-domestic-product-129300271.html

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