मोबाइल नंबर की तरह पोर्ट हो सकेंगे क्रेडिट/डेबिट कार्ड:एक अक्टूबर से शुरू हो सकती है कार्ड पोर्टेबिलिटी, RBI ने सर्कुलर जारी कर राय मांगी

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मोबाइल नंबर की तरह पोर्ट हो सकेंगे क्रेडिट/डेबिट कार्ड:एक अक्टूबर से शुरू हो सकती है कार्ड पोर्टेबिलिटी, RBI ने सर्कुलर जारी कर राय मांगी

M Y Team दिनांक ९ जुलाय २०२३

एक अक्टूबर से क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड यूजर्स को अपनी पसंद का कार्ड नेटवर्क (जैसे वीजा, मास्टर, रूपे) चुनने का ऑप्शन मिल सकता है। यानी जिस तरह से आप अपना मोबाइल नंबर बिना बदले एक टेलीकॉम ऑपरेटर से दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर में स्विच कर सकते हैं, ठीक उसी प्रकार अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड पोर्टेबिलिटी संभव हो पाएगी।

RBI ने एक सर्कुलर जारी कर इसका प्रस्ताव दिया है। इसके लिए RBI ने ड्राफ्ट सर्कुलर पर बैंकों और ग्राहकों से 4 अगस्त 2023 तक सुझाव मांगे हैं। RBI ने कहा कि ‘फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और प्री-पेड कार्ड किसी खास कार्ड नेटवर्क के लिए जारी न करें। उन्हें लोगों को अपनी पसंद से नेटवर्क चुनने का ऑप्शन देना होगा।’

कार्ड पोर्टेबिलिटी की जरूरत क्यों पड़ी?
मौजूदा समय में भारत में 5 कार्ड नेटवर्क कंपनियां- वीजा, मास्टर कार्ड, रूपे, अमेरिकन एक्सप्रेस और डायनर क्लब हैं। इन कंपनियों का अलग-अलग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन के साथ टाइअप है। इस कारण ग्राहक को अपने पंसद का कार्ड नेटवर्क चुनने का ऑप्शन नहीं मिलता है।

सबसे बड़ी कार्ड कंपनी है वीसा, दूसरे नंबर पर मास्टर कार्ड
दुनिया की सबसे बड़ी कार्ड कंपनी है वीसा है। ये 200 से ज्यादा देश और टेरिटरी में मौजूद है। इसका मार्केट कैप 489.50 बिलियन यानी करीब 40 लाख करोड़ रुपए है। वीसा के बाद दुनिया की दूसरी सबसे पॉपुलर कैशलेस पेमेंट कंपनी मास्‍टरकार्ड है। मास्टरकार्ड आज 150 देशों में मौजूद है और इसका मार्केट कैप 372.55 बिलियन यानी करीब 30 लाख करोड़ रुपए है।

‘वीसा’ की मोनोपॉली खत्‍म करने के लिए हुई थी ‘मास्‍टरकार्ड’ की स्‍थापना
1958 में बैंक ऑफ अमेरिका ने अपना क्रेडिट कार्ड ‘बैंकअमेरिक कार्ड’ लॉन्‍च किया था, जिसे अब ‘वीसा’ के नाम से जाना जाता है। बैंक अमेरिका कार्ड के जवाब में इंटरबैंक कार्ड एसोसिएशन ने 1966 में अपना क्रेडिट कार्ड लॉन्‍च किया। जिसे ‘मास्‍टरचार्ज- द इंटरबैंक कार्ड’ के नाम से जाना गया। 1979 में मास्‍टरचार्ज का नाम बदलकर मास्‍टरकार्ड रख दिया गया।

स्वदेशी कार्ड नेटवर्क है RuPay
RuPay भारत में अपनी तरह का पहला घरेलू डेबिट और क्रेडिट कार्ड पेमेंट नेटवर्क है। यह नाम रुपे (Rupee) और पेमेंट (Payment) दो शब्दों से मिलकर बना है। विदेशी कार्ड नेटवर्क्स की मोनोपॉली को खत्म करने के लिए मार्च 2012 में इसे लॉन्च किया गया था।

सौजन्य-दैनिक भास्कर

https://www.bhaskar.com/business/news/credit-debit-cards-can-be-ported-like-mobile-numbers-131493949.html

 

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