इस बजटमें वित्तमंत्री से ये हैं तमाम उम्मीदे, इंडस्ट्रीकी उम्मीदे ११ पॉइंट्स में

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इस बजटमें वित्तमंत्री से ये हैं तमाम उम्मीदे, इंडस्ट्रीकी उम्मीदे ११  पॉइंट्स में

M Y Team दिनांक २३ जनवरी २०२२

भारत इस साल प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से रिकवरी करने वाला देश है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को रिकवरी की गति बनाए रखने के लिए प्रोत्साहनपर योजना लाने  की आवश्यकता होगी। मगर अगले महीने में 5 राज्यों के होने वाले चुनाव और कोविड का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन उनके सामने चुनौती पेश क्र रहा है।  सीतारमण के इस फरवरी के बजट से अर्थशास्त्रियों, कंपनियों, टैक्स विशेषज्ञों और भारत के सैलरीपेशा वर्ग को क्या क्या  उम्मीदें हैं, उसकी सूचि इस प्रकार है ।

महंगाई पर लगाम लगे

अर्थशास्त्री धीरे-धीरे ग्रोथ बढ़ाने के लिए निवेश और महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। उनका मानना है कि राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) का साल-दर-साल अनुमान बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए। वे चाहते हैं कि ग्रामीण केंद्रित कैश या रोजगार योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाने के बजाय वित्तमंत्री कैपिटल एसेट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर खर्च करे।  ऑक्सफैम इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के सबसे अमीर परिवारों ने 2021 में अपनी संपत्ति को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया, जबकि 84% भारतीय परिवारों की इनकम गिर गई।

स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाया जाए

महंगाई को देखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन की रकम काफी कम है। लोगों के घर का बजट बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सैलरी वालों को थोड़ी राहत प्रदान करने के लिए वर्तमान स्टैंडर्ड डिडक्शन सीमा 50,000 रुपए से बढ़ाकर कम से कम 75,000 रुपए तक करने की जरूरत है।

सैलरी वर्ग को राहत मिले

सैलरी वर्ग को 2022 के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन में और छूट मिलने की उम्मीद है। वर्क फ्रॉम होम का सिस्टम चूंकि महंगा साबित हो रहा है इसलिए अब कर्मचारियों को थोड़ी राहत की आवश्यकता है। घर से काम करने वाले परिवार में कई सदस्यों के साथ और बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं को अडजस्ट करने की आवश्यकता के साथ काम करने वालों को अब बड़े घरों में शिफ्ट होने की जरूरत पड़ने लगी है।

हेल्थ इन्शुरन्स कवर्स पर जीएसटी टैक्स कम हो

बीमा विशेषज्ञ चाहते हैं कि हेल्थ कवर्स को 5% GST स्लैब में रखा जाए ताकि अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिल सके। साथ ही इसे अधिक किफायती भी बनाया जा सके। बीमा उत्पादों पर GST में मौजूदा रेट 18% से कम होकर 5% होता है तो इससे अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों के बीमे के लिए GST में छूट दी जानी चाहिए।

वाहनों के कर्जोपर कम ब्याज दर हो

ऑटोमोबाइल क्षेत्र चाहता है कि कम ब्याज दरों पर इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को प्राथमिकता देकर अधिक से अधिक नागरिकों को EV चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। वह यह भी चाहता है कि बैटरी के विकास के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट (R&D) के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया जाए।

हॉस्पिटालिटी सेक्टर को इनपुट टैक्स क्रेडिट बहाल हो

हॉस्पिटालिटी सेक्टर चाहता है कि GST इनपुट टैक्स क्रेडिट को बहाल किया जाए, क्योंकि यह कम मार्जिन, भारी नुकसान और हजारों लोगों की आजीविका के संकट के दौर से गुजर रहा है। यह होटलों को आगे के लॉकडाउन से बचाने के लिए एक सिस्टम भी चाहता है। बीमा या फ़र्लो स्कीम जैसा कि यूके में दी गई है। ब्रिटिश ट्रेजरी ने दिसंबर 2021 में हॉस्पिटालिटी बिजनेस के लिए 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के अनुदान और अन्य राहत राशि की घोषणा की, क्योंकि पब, बार और रेस्तरां ओमिक्रॉन के कारण बंद हो गए थे।

लोगों के हाथों में ज्यादा पैसा मिले

हिंदुस्तान यूनीलीवर जैसी बड़ी FMCG कंपनियां चाहती हैं कि सीतारमण फिस्कल डेफिसिट को कम करने की जल्दी में न हों, लेकिन लोगों के हाथों में पैसा डालना जारी रखें। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां FMCG की ग्रोथ नकारात्मक हो गई है। कोमोडिटी की कीमतों ने ग्रामीण खपत को प्रभावित किया है।  पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा ग्रामीण ग्राहकों को मनरेगा जैसी योजनाओं के माध्यम से प्रदान की गई सभी राहत और अगले वित्तीय वर्ष में मुफ्त खाद्य आपूर्ति का विस्तार किया जाए, क्योंकि अभी भी अर्थव्यवस्था रिकवरी मोड में है।

स्टॉक मार्केट इन्व्हेस्टरभी टैक्स में कमी चाहता है

स्टॉक मार्केट प्लेटफॉर्म चाहते हैं कि बजट में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) कम हो, क्योंकि ऐक्टिव ट्रेडर्स को लेन-देन की लागत और बाजार की तुलना में इम्पैक्ट कॉस्ट में अधिक पैसा गंवाना पड़ता है। STT को उस समय के वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने 2004 में पेश किया था। 2018 के बजट में 1 लाख रुपए से अधिक के लाभ के लिए 10% का लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG)पेश किया गया था, लेकिन STT कम नहीं किया गया था।

एयरलाइंस कंपनियां भी चाहती हैं रियायत

महामारी से प्रभावित एयरलाइंस कंपनियां कम से कम दो साल के लिए टैक्स ब्रेक और न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) को निलंबित करना चाहती हैं। एयरलाइन उद्योग का कहना है कि उन पर 21% तक का टैक्स लगाया जाता है, लेकिन उनके लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का कोई प्रावधान नहीं है, जैसा कि अन्य सेक्टर्स के लिए है। कम से कम दो साल के लिए विमानन और हवाईअड्डा क्षेत्र के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) को हटाया जाए। इनकी ख्वाहिश है कि मैट को अगर हटाया नहीं जाता है तो कम से कम 18% से घटाकर 5% कर दिया जाए।  ईंधन की बढ़ती कीमतें इस क्षेत्र पर और दबाव डाल रही हैं, क्योंकि भारत में एयरलाइंस के ऑपरेशन कॉस्ट में 45% तक ईंधन का योगदान होता है।

डिजिटल टोकन निवेशक स्पष्टता चाहता है

घरेलू क्रिप्टो और ब्लॉकचेन स्टार्टअप टैक्सेशन, कानून, छूट और रेगुलेशन जैसे मुद्दों पर सीतारमण से ज्यादा स्पष्टता चाहते हैं। वे चाहते हैं कि सीतारमण उद्योग की क्षमता को स्वीकार करें और भविष्य में उनके संचालन और विकास में सहायता के लिए ज्यादा क्लीयर अप्रोच दिखाएं। 1.5 करोड़ से अधिक क्रिप्टो निवेशकों के साथ भारत में इस सेक्टर में ज्यादा निवेशक आ रहे हैं।

स्टार्टअप को चाहिए रियायत

इंडस्ट्री बॉडी इंडियन प्राइवेट इक्विटी एंड वेंचर कैपिटल एसोसिएशन ने स्टार्टअप्स के लिए एक नई परिभाषा का प्रस्ताव दिया है। स्थानीय फर्मों को सीधे विदेशों में लिस्ट करने की अनुमति देने जैसी कुछ पुरानी मांगों को भी दोहराया है। स्टार्टअप बॉडी ने प्रस्ताव दिया है कि किसी कंपनी को तब तक स्टार्टअप माना जाना चाहिए जब तक कि वह 10 साल से कम उम्र की हो। साथ ही वह किसी की सहायक कंपनी या विलय की कंपनी न हो, चाहे उसकी कमाई कुछ भी हो।

सौजन्य: दैनिक भास्कर

https://www.bhaskar.com/business/news/finance-minister-nirmala-sitharaman-budget-expectations-2022-all-you-need-to-know-129327173.html

 

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