रेलवे बजट २०२३

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रेलवे बजट २०२३

M Y Team दिनांक ५ फेब्रुअरी २०२३

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का वित्त वर्ष २०२३-२४ का बजट पेश करते हुए रेलवे को रिकॉर्ड 2.40 लाख करोड़ रुपये का फंड एलोकेशन किया है. यह 2013 में रेलवे  को मिले फंड से 9 गुना अधिक बजट एलोकेशन है. बजट में मिले फंड से रेलवे की सूरत बदलने वाली है. अपने बजट स्पीच में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समय सीमा के चलते रेल बजट का विस्तृत ब्यौरा नहीं दे पायी मगर बजट के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेल बजट की विस्तृत जानकारी पेश की. रेल बजट के कुछ महत्वपूर्ण ऐलान यहाँ दिए हुए है.

– पहले रेलवे में निवेश की कमी के कारण रेलवे अपनी पूर्ण क्षमता हासिल नहीं कर सकती थी. इस साल के बजट में दिया हुआ  2.41 लाख करोड़ रुपये का फंड रेलवे को अपनी क्षमता को पूरी तरह से हासिल करने में मदत करेगा. वैष्णव ने कहा कि यह बजट एलोकेशन रेलवे में यात्रा करने वाले हमारे 800 करोड़ पैसेंजर्स की आकांक्षाओं को पूरा करने का माध्यम बनेगा.

– रेल मंत्री ने कहा कि हम वंदे मेट्रों को भी बना रहे हैं. बड़े शहरों के आसपास काफी सारे लोग रहते हैं, जहां से लोग अपने काम या आराम के लिए बड़े शहरों में आना चाहते हैं और अपने घर वापस जाना चाहते हैं. उसके लिए हम वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के जैसे ही वंदे मेट्रो को लेकर आ रहे हैं. इस साल इनका डिजाइन और प्रोडक्शन पूरा हो जाएगा और अगले वित्तीय वर्ष में ट्रेन के प्रोडक्शन का रैंप-अप कर दिया जाएगा. रेलमंत्री ने बताया कि वंदे मेट्रो ट्रेन का एक्सपीरिएंस लोगों के लिए रैपिड शटल जैसा होगा.

– दिसंबर 2023 तक देश को अपनी पहली हाइड्रोजन ट्रेन (Hydrogen train) मिल जाएगी. यह पूरी तरह से स्वदेशी हाइड्रोजन ट्रेन होगी. शुरुआत में इन हाइड्रोजन ट्रेनों को कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलाया जाएगा.

– रेलवे पहले से ही सेमी हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत के स्लीपर वर्जन पर काम कर रहा है. ये ट्रेनें आठ कोच की होंगी, जो मेट्रो ट्रेन की तरह होंगी. रेल मंत्रालय ने चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री और लखनऊ स्थित रिसर्च डिज़ाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन के महाप्रबंधकों को आठ-कोच वाली वंदे भारत ट्रेनों के रेक जल्द से जल्द उतारने का निर्देश दिया है.

– वंदे भारत ट्रेनों को छोटी कारों के साथ चलाने का फैसला पैसेंजर्स, खासकर व्यापारियों, छात्रों और कामकाजी वर्ग के लोगों के लिए वरदान साबित होगा, जो विभिन्न बड़े शहरों की यात्रा करना चाहते हैं. सामान्य वंदे भारत ट्रेनों में 16-कोच होते हैं.

– रेल मंत्री ने कहा कि आपने देखा है कि कैसे वंदे भारत ट्रेन को एक वर्ल्ड क्लास ट्रेन के रूप में स्वीकार किया गया है. इसके प्रोडक्शन में और तेजी लाई जाएगी. उन्होंने बताया कि अगले वित्त वर्ष के अंत तक रेलवे हर हफ्ते करीब दो या तीन नई वंदे भारत ट्रेनों को चलाया जाएगा. वंदे भारत ट्रेनों का  निर्माण अब इंडियन कोच फेक्ट्री चेन्नई के अलावा लातूर (महाराष्ट्र), सोनीपत (हरियाणा) और रायबरेली (उत्तर प्रदेश) में भी किया जाएगा.

– रेल मंत्री ने कहा रेलवे नेटवर्क का 85 फीसदी से अधिक इलेक्ट्रिफाइड है. इसके लिए ग्रीन इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल हो यह सुनिश्चित करने के लिए अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट लगाया जाएगा. उन्होने आगे कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कॉरिडोर दृष्टिकोण का उपयोग किया जाएगा. एनर्जी कॉरिडोर, पहाड़ी क्षेत्र के लिए अलग कॉरिडोर, जनजातीय गौरव कॉरिडेर, सीमेंट कॉरिडोर यह सोशल और इकोनॉमिक कॉरिडोर का एक संयोजन होगा.

– रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन को लेकर प्रगति अच्छी है. राजनीतिक कारणों से पहले महाराष्ट्र में कुछ अनुमतियां नहीं मिलती थीं, जबकि नई सरकार ने अब सारी अनुमति दे दी हैं.

– इस साल के बजट में टूरिजम पर काफी ध्यान दिया गया है. रेलमंत्री ने कहा कि भारत गौरव ट्रेनें रामायण सर्किट, जगन्नाथ सर्किट, काशी विश्वनाथ सर्किट – बहुत लोकप्रिय हैं और जल्द ही इस लिस्टमें और सर्किट जोड़े जाएंगे.

– वित्त मंत्री ने बताया कि कोयला, फर्टिलाइजर और फूड ग्रेन के क्षेत्रों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 100 महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है. इन्हें प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा. इसके लिए 75,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्लान है, जिसमें से 15,000 करोड़ रुपये प्राइवेट सोर्स से लिया जाएगा.  रेलवे अपने इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, नए कोचों के निर्माण, पटरियों के नवीनीकरण और स्टेशनों के पुनर्विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है, जिसमें बढ़ा हुआ बजट अलोकेशन निश्चित रूप से काफी मदद करने वाला है.

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