भारतकी डिजिटल पेमेंट सिस्टम अमेरिका, चीन और जर्मनी समेत कई विकसित देशों से जादा बेहतरीन

Modi Magic मोदीका जलवा

भारतकी डिजिटल पेमेंट सिस्टम अमेरिका, चीन और जर्मनी समेत कई विकसित देशों से जादा बेहतरीन

M Y Team दिनांक २० नवंबर २०२२

मोदीजी भारतको विश्वगुरु बनानेकी सिर्फ बात नहीं कर रहे है, मगर हर पल भारतको विश्वगुरु बनानेमे जुटे हुए है I Digital Payment System : भारत डिजिटल पेमेंट सिस्टम (Digital Payment System) में जिस तेजी से आगे बढ़ा है, उसके मुकाबले दुनिया के कई विकसित देश बहुत पीछे दिख रहे हैं। 2021 में भारत ने 48.60 अरब रियल टाइम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किए, जो चीन से 2.6 गुना ज्यादा थे। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI ट्रांजैक्शन को देखें, तो इस साल अगस्त में 10.72 लाख करोड़ रुपये के कुल 6.57 अरब ट्रांजैक्शन हुए।

डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर Direct Benefit Transfer ( D. B.T.) यानी देशवासियों तक ऑनलाइन फायदे पहुंचाने में भारत का मुकाबला दुनियाका कोई देश नहीं कर सकता है । ‘द इकनॉमिस्ट’ की एक रिपोर्ट बताती है कि जर्मनी (Germany) में लोगों के बैंक खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर करने का कोई ठोस इंतजाम नहीं है। जर्मन बैंक एक दिन में महज 1 लाख लोगों को ही सीधे उनके खाते में पैसा भेज सकते हैं। वहां के बैंकों में खातों को PAN से लिंक करने में ही डेढ़ साल लग सकता है। भारत को देखें तो वित्त वर्ष 2021-22 में रोज 90 लाख लोगों के खातों तक सरकार ने सीधे पैसा पहुंचाया। इस डीबीटी ट्रांसफर (DBT Transfer) में अमेरिका (US) भी भारत से पीछे है।

भारत विकसित देशों से कहीं आगे

भारत डिजिटल पेमेंट सिस्टम (Digital Payment System) में जिस तेजी से आगे बढ़ा है, उसके मुकाबले विकसित देश बहुत पीछे दिख रहे हैं। कोरोना महामारी में भारत के मजबूत डिजिटल सिस्टम ने बिना किसी खामी के भारतीय लाभार्थियों तक सही तरीके से और तेजी से मदद पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।  भारत में रोज औसतन 28.4 करोड़ डिजिटल लेनदेन होते हैं। यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा हैं। साल 2021 के आंकड़े बताते हैं, ग्लोबल रियल टाइम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में अकेले भारत की हिस्सेदारी 40% है।  2021 में भारत ने 48.60 अरब रियल टाइम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किए, जो चीन से 2.6 गुना ज्यादा थे। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के कुल ट्रांजैक्शन को मिला दें तो भारतीय ट्रांजैक्शन 6.5 गुना रहे।

भारत क्यों है विकसित देशों से आगे

दरअसल, भारत में मोबाइल फोन, पहचान पत्र (आधार/ पैन) और बैंक अकाउंट की लिंकिंग से देशवासियों के खातों तक सीधे पैसा ट्रांसफर करना आसान हो गया है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) को ही देखें, तो बस एक क्लिक में 9.5 करोड़ लाभार्थियों में से प्रत्येक के खाते में 6,000 रुपये की मदद पहुंच जाती है। एक महीने पहले ही इस योजना से 1900 करोड़ रुपये किसानों के बीच पलभर में बांट दिए गए।

डिजिटल भुगतान में रेकॉर्ड

वित्त वर्ष 2021-22 में 8,800 करोड़ से ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए। मौजूदा वित्त वर्ष (2022-23) में ही जुलाई तक 3,300 करोड़ से ज्यादा ऐसे लेनदेन हुए। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में ही अब तक 566 लाख करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजैक्शन किया जा चुका है। ये ट्रांजैक्शन दिनों दिन बढ़ भी रहे हैं।  यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI ट्रांजैक्शन को देखें, तो इस साल अगस्त में 10.72 लाख करोड़ रुपये के कुल 6.57 अरब ट्रांजैक्शन हुए। ये जुलाई से 4.62% ज्यादा हैं। बीते साल अगस्त से तुलना करें तो 85% ट्रांजैक्शन बढ़ गए। UPI में अगस्त में बना रेकॉर्ड

३१ जुलाई को आखिरी दिनमें ऑनलाइन फाइल हुए 72.42 लाख रिटर्न

डिजिटल लेनदेन ही नहीं, बिना पेनल्टी इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई को देश में 72.42 लाख रिटर्न दाखिल हुए। एक दिन में इतनी तादाद में रिटर्न फाइल होने का यह रेकॉर्ड है। आधार बनवाने में भी लोग पीछे नहीं हैं। इसे जारी करने वाली संस्था UIDAI ने कहा कि जुलाई में 53 लाख नए आधार कार्ड बने हैं। इस दौरान 1.47 करोड़ आधार कार्ड अपडेट किए गए।

कोविड लॉकडाऊनमें डिजिटल मुहिमको मोदीने दिया बढावा

भारत सरकार ने कोविड टीका लगवाने वालों के लिए Cowin प्लैटफॉर्म बनाया। इसमें टीके का सेंटर, तारीख और समय चुनने की ऑनलाइन व्यवस्था की गई। आज देश में 100 करोड़ से ज्यादा डोज बिना किसी परेशानी के लग चुकी हैं, जो डिजिटल इंडिया की सफलता का परिचायक है। इसका लोहा दुनिया ने भी माना। वैक्सीन लगवाने वाले को डिजिटल सर्टिफिकेट देने का इंतजाम किया गया। विदेश यात्रा के लिए यह कोविड टीके का ऐसा सबूत बना, जिसकी कहीं से भी पुष्टि की जा सकती है।

डिजिटल क्रांति ने भारत को रखा आगे

जनधन खातों, बढ़ते ई-कॉमर्स, ई-एजुकेशन, ई-मनोरंजन, वर्क फ्रॉम होम, इंटरनेट के यूजर्स की लगातार बढ़ती संख्या भारत में डिजिटल होती जनसंख्या का उदाहरण है। इसकी बड़ी वजह टेलिकम्युनिकेशन में आई क्रांति, मोबाइल और डेटा पैकेज का सस्ता होना भी है, जिसने आम जन तक इंटरनेट की पहुंच को आसान बनाया। ट्राई के मुताबिक, जनवरी 2021 में भारत में ब्रॉडबैंड का उपयोग करने वालों की संख्या बढ़कर 75.76 करोड़ तक पहुंच चुकी है। डिजिटल इकॉनमी को बढ़ाने में ई-कॉमर्स की अहम भूमिका है। कोरोना की चुनौतियों के कारण भी ऑनलाइन खरीद को बढ़ावा मिला। साफ है कि जर्मनी जैसे विकसित देशों के पास भारत की तरह डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर अभी नहीं है। दुनिया के ये देश भारत से सबक ले सकते हैं।

सौजन्य-नवभारत टाईम्स

https://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/india-is-ahead-of-many-developed-countries-including-us-china-and-germany-in-terms-of-digital-payments/articleshow/94071913.cms

 

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