विश्व आर्थिक मंच ( WEF ) के सर्व्हे के अनुसार २०२३ में वैश्विक मंदी की जोरदार आशंका है. जिसका भारत को फायदा हो सकता है.

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विश्व आर्थिक मंच ( WEF ) के सर्व्हे के अनुसार २०२३ में वैश्विक मंदी की जोरदार आशंका है. जिसका भारत को फायदा हो सकता है.

दिनांक १६ जनवरी २०२३

विश्व आर्थिक मंच ने किये सर्व्हे के अनुसार लगभग दो-तिहाई मुख्य अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2023 में वैश्विक मंदी आने की आशंका है. इनमें से 18% ने इसकी अत्यधिक संभावना जताई. यह आंकड़ा सितंबर 2022 में किए गए पिछले सर्वेक्षण की तुलना में दोगुने से भी अधिक है.

Global Recession:विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने सोमवार को अपने मुख्य अर्थशास्त्री पूर्वानुमान सर्वेक्षण में कहा कि 2023 में वैश्विक मंदी आने की आशंका है. हालांकि, इस दौरान फूड, एनर्जी और महंगाई का दबाव चरम पर पहुंच सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि बांग्लादेश और भारत सहित दक्षिण एशिया क्षेत्र की कुछ अर्थव्यवस्थाओं वैश्विक रुझानों से फायदा मिल सकता है. इन रुझानों में विनिर्माण आपूर्ति श्रृंखलाओं का चीन से दूर जाना शामिल है.

US-यूरोप में मौद्रिक सख्ती की उम्मीद

WEF ने कहा कि वैश्विक स्तर पर व्यवसाय आर्थिक प्रतिकूलताओं का मुकाबला करने के लिए लागत में उल्लेखनीय कटौती करेंगे. मुख्य अर्थशास्त्री मुद्रास्फीति और मजबूत बही-खाते को लेकर आशावादी हैं. विश्व आर्थिक मंच के मुख्य अर्थशास्त्री समुदाय के ज्यादातर लोगों का मानना है कि अमेरिका और यूरोप में आगे मौद्रिक सख्ती देखने को मिल सकती है.

2023 में मंदी की आशंका

लगभग दो-तिहाई मुख्य अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2023 में वैश्विक मंदी आने की आशंका है. इनमें से 18% ने इसकी अत्यधिक संभावना जताई. यह आंकड़ा सितंबर 2022 में किए गए पिछले सर्वेक्षण की तुलना में दोगुने से भी अधिक है. सर्वेक्षण में शामिल एक तिहाई लोगों ने कहा कि इस साल वैश्विक मंदी की आशंका (Global Recession) नहीं है, हालांकि इस बात पर पूरी सहमति है कि 2023 में वृद्धि की संभावनाएं धूमिल हैं. खासतौर से यूरोप और अमेरिका में.

यूरोप और अमेरिका की ग्रोथ पर पड़ेगा असर

सर्वेक्षण में शामिल सभी मुख्य अर्थशास्त्रियों ने यूरोप में 2023 में कमजोर या बहुत कमजोर वृद्धि की आशंका (Global Recession) जताई. अमेरिका के बारे में 91% उत्तरदाताओं का ऐसा मानना था. चीन की वृद्धि दर को लेकर मुख्य अर्थशास्त्री समान रूप से बंटे हुए हैं. कुछ का मानना है कि वहां मजबूत वृद्धि रहेगी, जबकि कुछ मानते कि यह कमजोर रहेगी.

दावोस में पहुंचे हजारों नेता

इस बीच, दावोस में विश्व आर्थिक मंच (world economic forum) की वार्षिक बैठक की सुरक्षा के लिए स्विटजरलैंड ने पूरी तैयारी कर ली है. दुनिया भर के हजारों नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस छोटे से शहर को एक किले में बदल दिया गया है. इस काम के लिए हजारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. इनमें सेना के करीब 5,000 से अधिक लोग और नागरिक रक्षा सेवा के सैकड़ों पुरुष और महिलाएं शामिल हैं.

WEF की तैयारी लगभग पूरी

स्विट्जरलैंड की सेना के अनुसार उन्होंने डब्ल्यूईएफ (world economic forum) की बैठक के लिए क्रिसमस से पहले काम शुरू कर दिया और सरकार ने 10-26 जनवरी के बीच 5,000 कर्मियों को तैनात किया है. बैठक समाप्त होने के एक दिन बाद 21 जनवरी तक दावोस के ऊपर हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित रहेगा.

सौजन्य- झीबिज़

WEF Survey: इस साल वैश्विक मंदी की आशंका, लेकिन भारत को हो सकता है फायदा| Zee Business Hindi (zeebiz.com)

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